भारतीय फुटबॉल फेडरेशन पर फिर सस्‍पेंशन का खतरा! FIFA ने नए संविधान में देरी के चलते दी चेतावनी, कहा- परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहो, अगर...

फीफा ने भारतीय फुटबॉल फेडरेशन को चेतावनी देते हुए 30 अक्‍टूबर तक की डेडलाइन दे दी है. फेडरेशन पर अब सस्‍पेंशन का खतरा मंडरा रहा है.

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किरण सिंह

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SportsTak Hindi

एआईएफएफ अध्यक्ष कल्याण चौबे

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भारतीय फुटबॉल फेडरेशन में फीफा की चेतावनी के बाद खलबली मच गई है.

फीफा ने भारतीय फुटबॉल फेडरेशन को 30 अक्‍टूबर तक का समय दिया है.

अखिल भारतीय फुटबॉल फेडरेशन  (एआईएफएफ) पर फिर से सस्‍पेंशन का खतरा मंडरा रहा है. फुटबॉल की वैश्विक संस्‍था फीफा ने नए संविधान बनाने में देरी के चलते भारतीय फुटबॉल फेडरेशन को चेतावनी दे दी है. फीफा ने साफ कर दिया है कि अगर फेडरेशन निर्देशों का पालन नहीं करता है तो वह परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे. फीफा ने भारतीय फुटबॉल में जारी अव्यवस्था को लेकर एआईएफएफ को कड़ी चेतावनी दी है. एआईएफएफ को लिखे एक पत्र में फीफा ने फेडरेशन के लिए एक नया संविधान बनाने और चुनाव कराने की समय सीमा तय की है और साफ कर दिया है कि ऐसा ना करने पर भारतीय फुटबॉल को सस्‍पेंशन का सामना करना पड़ सकता है.

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इस मामले पर एआईएफएफ अध्यक्ष कल्याण चौबे ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा कि-

मामला न्यायालय में विचाराधीन है, जल्द ही सुलझ जाएगा.

साल 2022 में फीफा ने तीसरी पार्टी के हस्तक्षेप के कारण एआईएफएफ को सस्‍पेंड कर दिया था. जिसके बाद सस्‍पेंशन हटाने के लिए एक समिति का गठन किया गया और चुनाव कराए गए. चुनाव के बाद वर्तमान एआईएफएफ अध्यक्ष कल्याण चौबे सत्ता में आए. हालांकि एआईएफएफ को एक नया संविधान बनाना था और नए चुनाव कराने थे, जो अभी तक नहीं हुआ है.

फीफा ने की आलोचना

फीफा ने भारतीय फुटबॉल में प्रोग्रेस की कमी पर गहरी चिंता व्यक्त की है और जीरो मार्केटिंग की स्थिति और प्रशासनिक और प्रबंधकीय संकट का हवाला दिया है. चुनाव कराने और नए संविधान बनाने में देरी के लिए महासंघ की आलोचना भी की गई है. इंटरनेशन फुटबॉलरों के संगठन फीफप्रो ने भी फीफा को लेटर लिखकर भारतीय फुटबॉलरों की दुर्दशा को हाईलाइट किया, जो लीग के भविष्य पर स्पष्टता की कमी के कारण अपने भविष्य को लेकर अनिश्चित हैं.

फीफा ने भारतीय फुटबॉल फेडरेशन को संशोधित एआईएफएफ संविधान को मंजूरी देने के लिए भारत के सुप्रीम कोर्ट से एक आदेश लेने और फेडरेशन की अगली मीटिंग में एआईएफएफ संविधान के औपचारिक अनुसमर्थन हासिल करने समेत बाकी निर्देशों को लेकर कदम उठाने के लिए 30 अक्टूबर 2025 तक कर समय दिया है. अगर एआईएफएफ इन निर्देशों का पालन करने में विफल रहता है तो फीफा को कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा, जिसमें सस्‍पेंशन शामिल है. फीफा की इस चेतावनी ने भारतीय फुटबॉल में खलबली मचा दी है.

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