Asian Games: अदिति अशोक के हाथ से फिसला गोल्‍ड, फिर भी सिल्‍वर जीत रच दिया इतिहास

अदिति अशोक 14 होल के बाद टॉप पर बनी हुई थी, मगर इसके बाद वो पिछड़ गई और उन्‍हें सिल्‍वर से संतोष करना पड़ा. सिल्‍वर के बावजूद वो इतिहास रचने में सफल रहीं

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अदिति अशोक गोल्‍ड से चूक गईं

अदिति अशोक गोल्‍ड से चूक गईं

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अदिति अशोक ने रचा इतिहास

गोल्‍ड मेडल की सबसे मजबूत दावेदार नजर आ रही भारत की स्‍टार गोल्‍फर अदिति अशोक के हाथ से गोल्‍ड फिसल गया. उन्‍होंने एशियन गेम्‍स में भारत के लिए सिल्‍वर मेडल जीता. सिल्‍वर जीतकर भी अदिति ने कमाल कर दिया. एशियाड में ये उनका पहला मेडल है. अदिति एशियन गेम्‍स में मेडल जीतने वाले भारत की पहली महिला गोल्‍फर बन गई हैं. अदिति का ओवरऑल स्‍कोर 17 अंडर रहा. 14 होल तक वो टॉप पर बनी हुई थी, मगर 15वें होल के बाद वो दूसरे स्‍थान पर फिसल गई.  

 

थाई प्‍लेयर से उन्‍हें बड़ी टक्‍कर मिली. 15वें होल  में बोगी और 16वें होल में डबल बोगी से अदिति को नुकसान हुआ और उन्‍होंने अपनी टॉप पोजीशन गंवा दी. 17वें और 18वें होल में भी वो इसकी भरपाई नहीं कर पाई और उन्‍हें सिल्‍वर से संतोष करना पड़ा.  वो गोल्‍ड के काफी करीब थी. उनके पास एक समय सात स्‍ट्रोक की बढ़त थी, मगर वो आखिरी में 2 स्‍ट्रोक पिछड़ गई. थाईलैंड की युबोल ने गोल्‍ड पर कब्‍जा जमाया. कोरिया की ह्यून जो ने ब्रॉन्‍ज मेडल जीता. 

 

 

 

अदिति का कमाल

 

वहीं बाकी 2 भारतीय प्‍लेयर्स प्रणवी और अवनी को संघर्ष करना पड़ा. भारतीय विमंस टीम का अभियान चौथे स्‍थान के साथ खत्‍म हुआ. 2 बार की ओलिंपियन अदिति के हाथों से भले ही गोल्‍ड फिसल गया, मगर इसके बावजूद उनका प्रदर्शन कमाल का रहा. टोक्‍यो ओलिंपिक में भी वो मामूली अंतर से मेडल से चूक गई थीं. वो टोक्‍यो ओलिंपिक में चौथे स्थान पर रही थीं. गोल्‍फ में ये भारत का चौथा इंडिविजुअल मेडल है. 1982 और  2002 में लक्ष्‍मण और शिव कपूर ने गोल्‍ड जीता था. जबकि राजीव ने सिल्‍वर जीता था.
 

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