Hockey World Cup: जर्मनी ने आखिरी 10 मिनट में ठोके 3 गोल, ऑस्ट्रेलिया बाहर, बेल्जियम शूटआउट में जीता, अब फाइनल टक्कर

डिफेंडिंग चैंपियन बेल्जियम और दो बार के विजेता जर्मनी के बीच 2023 हॉकी वर्ल्ड कप फाइनल खेला जाएगा.

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डिफेंडिंग चैंपियन बेल्जियम और दो बार के विजेता जर्मनी के बीच 2023 हॉकी वर्ल्ड कप फाइनल खेला जाएगा. जर्मनी ने स्टार ड्रैग फ्लिकर गोंजालो पिलाट की दूसरे हाफ में हैट्रिक से ऑस्ट्रेलिया को 4-3 से हराकर खिताबी मुकाबले में जगह बनाई. उसने यह मैच दो गोल से पिछड़ने के बाद शानदार वापसी करते हुए जीता और ऑस्ट्रेलिया को चौंका दिया. वहीं बेल्जियम ने पेनल्टी शूटआउट में नेदरलैंड्स पर काबू पाते हुए लगातार दूसरी बार वर्ल्ड कप फाइनल में जगह बनाई. मैच के दौरान दो बार डच टीम ने बढ़त बनाई लेकिन दोनों बार बेल्जियम ने बराबरी हासिल कर ली. शूटआउट में पहला मौका गंवाने के बाद बेल्जियन टीम ने लगातार तीन गोल किए. फिर उसके गोलची ने डच टीम के तीन मौके गंवा दिए और टीम की जीत तय कर दी.

 

जर्मनी के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया की टीम हाफ टाइम तक 2-0 से आगे थी. टीम के लिए जेरेमी हेवर्ड (12वें), नाथन एफ्राम्स (27वें) और ब्लेक गोवर्स (58वें) ने गोल किए. जर्मनी के लिए पिलाट ने 43वें, 52वें और 59वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर से गोल किए. ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ निकलास वेलेन (60वें) ने मैच खत्म होने से चंद सेकंड पहले गोल कर ऑस्ट्रेलिया के खेमे को हतप्रभ कर दिया. ऑस्ट्रेलिया और नेदरलैंड्स अब रविवार को कांस्य पदक का मुकाबला खेलेंगे.

 

जर्मनी की टीम ने लगातार दूसरे मैच में पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए जीत दर्ज की है. क्वार्टर फाइनल मैच में इंग्लैंड के खिलाफ 0-2 से पिछड़ने के बाद इस टीम ने आखिरी तीन मिनट में दो बार गोल करके स्कोर बराबर किया और फिर पेनल्टी शूटआउट में इंग्लैंड को हराकर सेमीफाइनल में जगह बनायी. दो बार के चैंपियन जर्मनी ने नई दिल्ली में 2010 सत्र के बाद पहली बार फाइनल में अपनी जगह पक्की की. तब टीम खिताबी हैट्रिक पूरा करने से चूक गयी थी. यह टीम 2002 और 2006 में चैम्पियन बनी जबकि 1982 में भी रजत पदक जीता था.

 

जर्मनी ने इसके साथ ही टोक्यो ओलिंपिक के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया से मिली 1-3 की हार का बदला भी ले लिया. तीन बार के चैंपियन ऑस्ट्रेलिया लगातार दूसरी बार फाइनल में जगह बनाने से चूक गया. टीम 2018 में इसी चरण में नेदरलैंड्स से हार गयी थी और कांस्य पदक जीता था. इससे पहले वे 2010 और 2014 में लगातार दो बार खिताब जीतने में सफल रहे थे.

 

42वें मिनट तक आगे था ऑस्ट्रेलिया

ऑस्ट्रेलिया 42वें मिनट तक 2-0 से आगे चल रहा था और ऐसा लग रहा था कि मैच का परिणाम उनके पक्ष में रहेगा. अर्जेंटीना के लिए 100 से अधिक मैच खेलने वाले पिलाट ने हालांकि इसके बाद मैच का रुख बदल दिया. अर्जेंटीना को 2016 ओलिंपिक में स्वर्ण पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले पिलाट अब जर्मनी के नागरिक है. उन्होंने आखिरी 18 मिनट में मैच का रुख ऑस्ट्रेलिया से जर्मनी की तरफ कर दिया.  दूसरे हाफ में जर्मनी के खिलाड़ियों ने आक्रामक रूख अपनाया और लगातार पांच पेनल्टी कॉर्नर हासिल किए. पिलाट ने इसमें से एक को गोल में बदल कर मैच में टीम की वापसी करायी. उन्होंने दिन के 12वें पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदल कर 51वें मिनट में स्कोर 2-2 से बराबर कर दिया. आखिरी के तीन मिनट में मैच में कई बार उतार-चढ़ाव देखने को मिले. ग्रोवर्स ने 58वें मिनट में गोल कर ऑस्ट्रेलिया को 3-2 से आगे कर दिया लेकिन अगले ही मिनट में पिलाट ने पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदल कर स्कोर 3-3 से बराबर कर दिया. मैच में जब 20 सेकंड से भी कम समय बचे थे तब वेलेन ने गेंद को ऑस्ट्रेलियाई गोल पोस्ट में डाल कर टीम को यादगार जीत दिला दी.

 

नेदरलैंड्स के जोश पर भारी पड़ा बेल्जियम का अनुभव

उम्रदराज खिलाड़ियों की बेल्जियम को नेदरलैंड्स की युवा टीम ने कड़ी टक्कर दी लेकिन अनुभवी गत चैम्पियन शूटआउट में विजेता रही. बेल्जियम में 11 खिलाड़ी 30 साल से ज्यादा उम्र के हैं जबकि नेदरलैंड्स में आठ खिलाड़ी 25 साल के कम के हैं और दो खिलाड़ी ही 30 साल से ऊपर हैं.  बेल्जियम के लिए नियमित समय में स्टार स्ट्राइकर टॉम बून (27वें मिनट) और निकोलास डि कर्पल (45वें मिनट) ने गोल किये जबकि नेदरलैंड्स की ओर से गोल पेनल्टी कॉर्नर विशेषज्ञ जिप यानसेन ने 12वें और 36वें मिनट में दागे.

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