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Hockey Asia Cup 2025: बिहार स्पोर्ट्स अथॉरिटी के DG रविंद्रन शंकरन बोले- हम इतिहास लिखते नहीं, इतिहास रचते हैं

राजगीर, बिहार में एशिया कप हॉकी का आयोजन बिहार के खेल परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण कदम है। बिहार स्पोर्ट्स अथॉरिटी के डायरेक्टर जनरल रविंद्रन शंकरण ने बताया कि यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के विजन का परिणाम है, जिसका उद्देश्य राज्य की समृद्ध खेल विरासत को पुनर्जीवित करना है। उन्होंने उल्लेख किया कि भारत में ओलंपिक आंदोलन की शुरुआत बिहार से हुई थी। पिछले कुछ वर्षों में, बिहार ने महिला एशियाई चैंपियनशिप ट्रॉफी, एशियाई रग्बी और खेलो इंडिया यूथ गेम्स जैसे कई अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय आयोजनों की सफलतापूर्वक मेजबानी की है, जिसकी प्रधानमंत्री मोदी ने भी 'मन की बात' में सराहना की। रविंद्रन शंकरण ने बताया कि बिहार ने राष्ट्रीय खेलों में अपने पदक तालिका में सुधार किया है, अब 21वें स्थान पर है। राज्य हॉकी के लिए एक उच्च प्रदर्शन केंद्र और एकलव्य स्पोर्ट्स स्कूल स्थापित कर रहा है। 'मेडल लाओ नौकरी पाओ' योजना के तहत खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी मिल रही है, और 'प्रेरणा', 'सक्षम' और 'उड़ान' जैसी खेल छात्रवृत्ति योजनाएं युवा प्रतिभाओं को समर्थन दे रही हैं। बड़े स्टेडियमों के बजाय, मनरेगा के सहयोग से हर पंचायत में खेल के मैदान बनाए जा रहे हैं। एशिया कप हॉकी भारत के लिए विश्व कप क्वालीफिकेशन के लिए महत्वपूर्ण है। मेजर ध्यानचंद के सम्मान में 'चाँद' को शुभंकर बनाया गया है। रविंद्रन शंकरण ने कहा, "हम इतिहास लिखते नहीं, हम इतिहास रचते हैं।"

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राजगीर, बिहार में एशिया कप हॉकी का आयोजन बिहार के खेल परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण कदम है। बिहार स्पोर्ट्स अथॉरिटी के डायरेक्टर जनरल रविंद्रन शंकरण ने बताया कि यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के विजन का परिणाम है, जिसका उद्देश्य राज्य की समृद्ध खेल विरासत को पुनर्जीवित करना है। उन्होंने उल्लेख किया कि भारत में ओलंपिक आंदोलन की शुरुआत बिहार से हुई थी। पिछले कुछ वर्षों में, बिहार ने महिला एशियाई चैंपियनशिप ट्रॉफी, एशियाई रग्बी और खेलो इंडिया यूथ गेम्स जैसे कई अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय आयोजनों की सफलतापूर्वक मेजबानी की है, जिसकी प्रधानमंत्री मोदी ने भी 'मन की बात' में सराहना की। रविंद्रन शंकरण ने बताया कि बिहार ने राष्ट्रीय खेलों में अपने पदक तालिका में सुधार किया है, अब 21वें स्थान पर है। राज्य हॉकी के लिए एक उच्च प्रदर्शन केंद्र और एकलव्य स्पोर्ट्स स्कूल स्थापित कर रहा है। 'मेडल लाओ नौकरी पाओ' योजना के तहत खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी मिल रही है, और 'प्रेरणा', 'सक्षम' और 'उड़ान' जैसी खेल छात्रवृत्ति योजनाएं युवा प्रतिभाओं को समर्थन दे रही हैं। बड़े स्टेडियमों के बजाय, मनरेगा के सहयोग से हर पंचायत में खेल के मैदान बनाए जा रहे हैं। एशिया कप हॉकी भारत के लिए विश्व कप क्वालीफिकेशन के लिए महत्वपूर्ण है। मेजर ध्यानचंद के सम्मान में 'चाँद' को शुभंकर बनाया गया है। रविंद्रन शंकरण ने कहा, "हम इतिहास लिखते नहीं, हम इतिहास रचते हैं।"

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