नई दिल्ली। भारत की युवा पहलवान अंशु मलिक ने महिला विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीतकर इतिहास रच दिया. वह इस टूर्नामेंट में रजत जीतने वाली पहली महिला भारतीय पहलवान भी बनी. जिसके बाद हर कोई अंशु को बधाई दे रहा है. इस कड़ी में भारत के ओलंपिक पदक विजेता पहलवान और 2018 विश्व चैंपियनशिप में रजत जीतने वाले बजरंग पूनिया ने स्पोर्ट्स तक से ख़ास बातचीत में अंशु को बधाई संदेश देते हुए कहा कि अगर वह फिट होती तो शायद स्वर्ण पदक भी जीत सकती थी.
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बजरंग ने कहा, "पहले तो मैं अंशु को तहे दिल से बधाई देना चाहता हूं और अगर स्वर्ण पदक जीतती तो एक नया इतिहास बनता. हालांकि अभी उनकी सिर्फ 20 साल की उम्र है तो काफी लंबा करियर उनके सामने पड़ा हुआ है. ऐसे में उम्मीद है कि अंशु आगे और मेडल जीतेंगी व इतिहास रचती चली जाएंगी."
चोटिल थी अंशु
अंशु को विश्व चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल के दौरान घुटने में चोट लग गई थी. जिसके बाद फाइनल में भी वह टेपिंग करके मैदान में उतरी थी और पूर्व ओलंपिक विजेता और दो बार की विश्व चैंपियन अमेरिका की हेलेन लुईस मारौलिस के हाथों 4-1 से हारने के बाद उन्हें तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी पड़ी और उनकी आंखों में आंसू नजर आ रहे थे.
इस तरह एक पहलवान के चोट के साथ खेलने के अनुभव के बारे में बजरंग ने कहा, "पहलवान को जब गंभीर चोट लगती है तभी वो मैदान छोड़ता है. बाकी छोटी-छोटी चोट तो करियर में चलती रहती है. अंशु को मैंने देखा था जिस तरह से उसने चोट के उपर टेपिंग कर रखी थी. उससे लग रहा था कि वह उनकी हल्की चोट नहीं थी. हालांकि यह सब चलता रहता है. मुझे दुःख है कि वह ओलंपिक पदक नहीं जीत सकी लेकिन इस पदक से उन्हें थोड़ा संतुष्टि जरूर मिली होगी. अगर फिट होती अंशु तो फाइनल में अच्छी फाइट करती और इससे मैडल का रंग भी रजत (सिल्वर) से गोल्ड हो सकता था."
सरिता को भी दी बधाई
अंशु के अलावा सरिता (59 किग्रा) ने भी महिला विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता. उन्हें भी बधाई देते हुए बजरंग ने कहा, "अंशु और सरिता का पदक जीतना अन्य पहलवानों को प्रेरित करेगा और उन्हें आत्मविश्वास देगा कि वह भी आगे आकर अपने देश के लिए पदक जीत सकती हैं.
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