भारत में 20 साल बाद कॉमनवेल्थ गेम्स की वापसी हो सकती है. इससे पहले साल 2010 में दिल्ली ने इस खेलों की मेजबानी की थी. हर चार साल में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 भारत में आयोजित होने की संभावना है, जो शताब्दी एडिशन होगा. हालांकि दिल्ली की बजाय कोई अन्य शहर इसकी मेजबानी कर सकता है. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार अहमदाबाद इस आयोजन की मेजबानी के लिए सबसे आगे है और भारत बोली की प्रक्रिया में सबसे आगे है. रिपोर्ट के अनुसार इसे 2036 ओलिंपिक के लिए एक टेस्ट इवेंट के रूप में देखा जा रहा है, जिसके लिए भारत बोली भी लगा रहा है और पहली बार दुनिया की सबसे बड़े खेल इवेंट की मेजबानी की उम्मीद कर रहा है.
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हालांकि मेजबानी हासिल करने की रेस में भारत के लिए कनाडा सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी था, लेकिन वे 'लागत-संबंधी मुद्दों' के कारण आगे नहीं बढ़ रहे हैं. कनाडा का ओंटारियो प्रांत इस दौड़ से बाहर हो गया है, जो उन चार प्रांतों में से एक था जो 2030 एडिशन की मेजबानी के लिए 'यूनाइटेड कनाडा' की कोशिश का हिस्सा थे.
2030 में 100 साल पूरे
कॉमनवेल्थ गेम्स (तब ब्रिटिश साम्राज्य के नाम से जाना जाता था) का पहला एडिशन 1930 में कनाडा के ओंटारियो के हैमिल्टन शहर में आयोजित किया गया था. कनाडा के इस खास एडिशन की मेजबानी करने की योजना सफल नहीं हो पाई है. नाइजीरिया भी इन खेलों के लिए बोली लगाने पर विचार कर रहा था, लेकिन वह भी आगे नहीं बढ़ सका.
रिपोर्ट के अनुसार भारत के एक डेलीगेशन ने 7 जून को लंदन में कॉमनवेल्थ गेम्स लीडर्स से मुलाकात की. यह भी बताया गया है कि कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स ऑफिशियल्स आधिकारिक रूप से बोली सब्मि करने की डेडलाइन (31 अगस्त) से कुछ दिन पहले अगस्त में अहमदाबाद का दौरा करेंगे. यदि देश मेजबानी के अधिकार हासिल करने में सफल हो जाता हैं तो यह चौथी बार होगा जब देश किसी मेजर मल्टी स्पोर्ट्स इवेंट की मेजबानी करेगा. इससे पहले 1951 और 1982 के एशियन गेम्स और 2010 में दिल्ली में कॉमनवेल्थ गेम्स आयोजित किए गए थे.
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