114 साल के पंजाब के मैराथन धावक फौजा सिंह की एक्सीडेंट में मौत, 89 साल की उम्र में शुरू किया था मैराथन दौड़ना

89 साल की उम्र में मैराथन दौड़ने वाले फौजा सिंह अब इस दुनिया में नहीं रहे. फौजा की मौत रोड एक्सीडेंट में हो गई.

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दौड़ लगाते फौजा सिंह

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दुनिया के सबसे उम्रदराज मैराथन फौजा सिंह नहीं रहे

114 साल की उम्र में फौजा सिंह की एक्सीडेंट से मौता हो गई

खेल जगत को बड़ा झटका लगा है क्योंकि 114 साल के मैराथन रनर फौजा सिंह अब इस दुनिया में नहीं रहे. फौजा सिंह की रोड एक्सीडेंट में मौत हो गई है. फौजा का एक्सीडेंट उन्हीं के अपने गांव ब्यास, जालंधर में हुआ. किसी अज्ञात गाड़ी से टक्कर लगने के चलते वो बच नहीं पाए. उन्हें काफी गंभीर चोट आई थी. रात के 3:30 बजे उन्हें प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उन्होंने आखिरी सांस ली. फौजा सिंह 1 अप्रैल 1911 को पैदा हुए थे. 89 साल की उम्र से उन्होंने मैराथन की शुरुआत की थी. 

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5 साल की उम्र तक चल नहीं पाते थे फौजा सिंह

फौजा सिंह को टर्बन टोर्नाडो के नाम से जाना जाता था. वो साल 2011 में फुल मैराथन पूरा करने वाले दुनिया के सबसे उम्रदराज शख्स बने थे. इस दौरान उन्होंने 100 साल की उम्र में वाटरफ्रंट मैराथन पूरा किया था. बता दें कि बचपन में 5 साल की उम्र तक फौजा सिंह चल नहीं पाते थे. लेकिन साल 2000 से लेकर 2013 तक यानी की 14 सालों के भीतर उन्होंने कुल 9 मैराथन दौड़ में हिस्सा लिया. 

बता दें कि फौजा सिंह एडिडास कैंपेन इम्पॉसिबल इज नथिंग के भी चेहरे रह चुके हैं. ये वही ब्रैंड है जिसके साथ कई स्टार खिलाड़ियों का नाम जुड़ा है. 

डिप्रेशन के लिए लगाई दौड़

बता दें कि फौजा सिंह के कई परिवार वालों की अचानक मृत्यु के चलते वो डिप्रेशन में चले गए. इस दौरान उनकी पत्नी गियान कौर ने भी दुनिया को अलविदा कह दिया. इंग्लैंड में रहते हुए वो पब्लिक पार्क में जाते थे और दौड़ लगाते थे. पहली बार उन्होंने 89 साल की उम्र में साल 2000 में लंदन मैराथन में हिस्सा लिया था. इस दौरान उन्होंने 6 घंटे और 54 मिनट में दौड़ पूरी की थी.  मैराथन के दौरान उन्होंने कई रिकॉर्ड तोड़े. फौजा सिंह ने 101 साल की उम्र तक दौड़ना जारी रखा.

मैराथन और चैरिटी में उनकी उपलब्धियों के कारण, फौजा सिंह को 2015 में ब्रिटिश एम्पायर मेडल से सम्मानित किया गया था. लंदन ओलिंपिक के मशालवाहकों में से एक होने के अलावा, उन्हें 2013 में अमेरिका में नेशनल एथनिक कोएलिशन द्वारा एलिस आइलैंड मेडल ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया था.
 

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