सात्विक साईराज रंकीरेड्डी (Satwik Sairaj Rankireddy) और चिराग शेट्टी (Chirag Shetty) की भारतीय पुरुष बैडमिंटन युगल जोड़ी ने इतिहास रच दिया. इन दोनों ने बैडमिंटन एशिया चैंपियनशिप (Badminton Asia Championships) जीत लिया है. भारतीय जोड़ी ने ओंग यू सिन और टियो ई यी की मलेशियाई जोड़ी को 16-21, 21-17, 21-19 से हरा दिया. भारत को इस प्रतियोगिता में 52 साल बाद कोई मेडल मिला है. साथ ही 58 साल बाद भारत ने एशिया चैंपियनशिप्स में गोल्ड मेडल हासिल किया है. रंकीरेड्डी और चिराग की जोड़ी से पहले पुरुष युगल में भारत को 1971 में एशिया चैंपियनशिप्स में मेडल मिला था. तब दीपू घोष और रमन घोष की जोड़ी ने कांस्य पदक जीता था. इनके अलावा 1965 में दिनेश खन्ना ने पुरुष एकल खिताब जीता था. रंकीरेड्डी और चिराग से पहले वे इकलौते भारतीय थे जिन्होंने इस टूर्नामेंट में गोल्ड जीता था.
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रंकीरेड्डी-चिराग ने फाइनल में पहले गेम की पिछड़न से उबरते हुए मैच अपने नाम किया. पहला गेम दोनों 16-21 से हार गए. दूसरे गेम में 7-13 और तीसरे में 11-15 से एक समय पीछे थे. मगर आखिरी दोनों गेम में दोनों ने जुझारू खेल दिखाते हुए वापसी की और इतिहास बना दिया और एशिया चैंपियनशिप जीतने वाली भारत की पहली पुरुष युगल जोड़ी बन गई. सात्विक और चिराग ने इस सीजन में दूसरा खिताब जीता है. इससे पहले दोनों ने बासेल में स्विस ओपन सुपर 300 जीता है. साथ ही उन्होंने पिछले साल कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीता था. वे अभी तक बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड ट्यूर में पांच खिताब जीत चुके हैं.
जीत के बाद क्या बोले सात्विक-चिराग
खिताबी मुकाबले से पहले भारतीय और मलेशियाई जोड़ी छह बार भिड़ी थी और दोनों तीन-तीन से बराबर थे. सात्विक-चिराग ने इससे पहले मलेशियाई जोड़ी को स्विस ओपन के सेमीफाइनल में भी हराया था. चिराग ने कहा, ‘मैं सातवें आसमान पर हूं. मैंने और सात्विक ने इस पदक के लिए काफी मेहनत की थी. मुझे खुशी है कि हमने खिताब जीता. मैं सभी को धन्यवाद देना चाहूंगा जिन्होंने हमारी हौसलाअफजाई की.’ सात्विक ने कहा, ‘पहली बार यह टूर्नामेंट जीतकर अच्छा लग रहा है. मुझे यकीन है कि भविष्य में और खिताब जीतेंगे. भारत का परचम लहराने के लिये मेहनत करते रहेंगे.’
अमलापुरम के 22 साल के सात्विक और मुंबई के 25 साल के चिराग ने बेहद आक्रामक खेल दिखाया. पहला गेम बराबरी का था जिसमें मलेशियाई जोड़ी भारी पड़ी. दूसरे गेम में भी मलेशियाई जोड़ी ने बढ़त बना ली थी. 8-13 से पिछड़ने के बाद भारतीय जोड़ी ने वापसी की. तियो की गलती पर सात्विक ने बैकहैंड पर जबर्दस्त स्मैश लगाकर मैच का रूख पलटा. भारतीय जोड़ी ने 18-15 से बढ़त बना ली. इसके बाद तीन अंक लेकर मैच को निर्णायक गेम में खींचा.
निर्णायक गेम में मलेशियाई जोड़ी का तकनीकी कौशल काबिले तारीफ था जिन्होंने 11-8 की बढ़त भी बना ली. भारतीय जोड़ी ने अंतर 14-15 का किया और फिर 17-16 से आगे हो गए. बैकहैंड पर चिराग के स्मैश पर भारतीय जोड़ी ने मुकाबला अपने नाम किया.
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