वो कहते हैं कि उम्र महज एक नंबर है और किसी भी काम की शुरुआत करने की कोई उम्र नहीं होती. इसकी एक मिसाल निशानेबाज महा सिंह ने पेश की है, जो 80 की उम्र में इंडिया ओपन में हिस्सा ले रहे हैं. सोनीपत ज़ले के खुबरू गांव के रहने वाले आर्मी से रिटायर्ड महा सिंह काफी लोगों की प्रेरणा बन गए हैं. लगभग एक साल पहले निशानेबाजी में कदम रखने वाले महा सिंह ने इस साल तीन प्रतियोगिताओं नॉर्थ जोन, जीवी मावलंकर मीट और इंडिया ओपन में हिस्सा लिया.
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टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार प्रतियोगिता में सबसे बुजुर्ग खिलाड़ी महा सिंह अपने कोच से उधार ली गई राइफल से 10 मीटर एयर राइफल और 50 मीटर राइफल प्रोन इवेंट में हिस्सा लेते हैं. लगभग नौ किलो वजनी शूटिंग जैकेट और पैंट पहने दो बच्चों के दादा रोज करीब 2-3 घंटे तक छह किलो की राइफल उठाते हैं.
खुद को फिट रखते हैं महा सिंह
महा सिंह का कहना है कि वह शारीरिक रूप से इस खेल के लिए खुद को फिट मानते हैं. वह अभी भी वैसी ही कसरत करते हैं, जैसे सेना के दिनों में करते थे और पौष्टिक खाना खाते हूं. उन्होंने कभी बर्गर या पिज्जा नहीं खाया, ना ही कभी कार्बोनेटेड ड्रिंक या अल्कोहल लिया है.
नेशनल चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई
महा सिंह ने अगले महीने भोपाल में होने वाली अपनी पहली नेशनल चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई किया है. उन्होंने कहा कि वह सेना में थे और बंदूकों से उनका वास्ता था, लेकिन उस समय इस खेल के बारे में कभी नहीं सुना था.वह निशानेबाजी के बारे में पढ़ते और सुनते रहे थे और इसने उन्हें आकर्षित किया. 1963 से 1978 तक भारतीय सेना की 7 जाट रेजिमेंट में रहे महा सिंह ने बताया कि उन्होंने लगभग एक साल पहले इस खेल की ट्रेनिंग शुरू करने के बारे में सोचा था.
80 किलोमीटर का सफर
वह पानीपत स्थित यंग स्टार शूटिंग अकादमी में 25 साल की हिमांशी मलिक से ट्रेनिंग ले रहे हैं. हिमांशी ने बताया उन्हें एकेडमी के लिए रोज़ाना 80 किलोमीटर का सफर करना पड़ता है और एक बार भी वह देर से नहीं आए.
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