भारत (Indian Cricket Team) के मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) 18 महीने के लंबे इंतजार के बाद भारत की तरफ से अपना पहला टेस्ट मैच खेलने के लिए तैयार हैं. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 7 जून से शुरू होने वाले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल (World Test Championship Final) में उनके लिए करो या मरो जैसी स्थिति हो सकती है. टी20 फॉर्मेट से पांच दिवसीय फॉर्मेट में ढल रहे रहाणे चीजों को सरल बनाए रखना चाहते हैं और उन्हें उम्मीद होगी कि जिस शानदार टाइमिंग से उन्होंने आईपीएल में रन बनाए, वह लंदन में भी उनके साथ बनी रहेगी.
रहाणे का भारत की प्लेइंग इलेवन में जगह बनाना लगभग तय है. रहाणे और चेतेश्वर पुजारा को 2022 के शुरू में दक्षिण अफ्रीका से सीरीज गंवाने के बाद बाहर कर दिया गया था. पुजारा ने काउंटी क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करके पहले ही राष्ट्रीय टीम में वापसी कर ली थी. अब तक 82 टेस्ट मैच खेल चुके रहाणे को राष्ट्रीय टीम में वापसी के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा. उन्होंने रणजी ट्रॉफी और हाल में आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन करके राष्ट्रीय टीम में वापसी की. यदि श्रेयस अय्यर चोटिल नहीं होते तो फिर रहाणे के लिए वापसी करना मुश्किल होता.
रहाणे पर अच्छे प्रदर्शन का दबाव
कंसिस्टेंसी की कमी से जूझते हैं रहाणे
रहाणे की कप्तानी में भारत ने 2021 में ऑस्ट्रेलिया को उसकी धरती पर हराया था. तब उन्होंने अपने खेत और नेतृत्व कौशल से काफी प्रभावित किया था. ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम के खिलाफ रहाणे अच्छा प्रदर्शन करते रहे हैं. यह अलग बात है कि उनके प्रदर्शन में निरंतरता का अभाव रहा है जिसके कारण उनका टेस्ट औसत 38.52 है. डब्ल्यूटीसी फाइनल में रहाणे पर कप्तानी का दबाव नहीं होगा और ऐसे में उनका ध्यान बल्लेबाजी पर ही केंद्रित रहेगा. वह अपने बल्ले से आलोचकों को करारा जवाब देना चाहेंगे.
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