भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दौरान इंग्लैंड क्रिकेट टीम की ओर से कई बड़बोले बयान देखने को मिले. बेन डकेट से लेकर मार्क वुड, जेम्स एंडरसन ने ऐसी बातें कही थीं जिन्होंने काफी सुर्खियां बटोरीं. अब इंग्लैंड के कोच ब्रेंडन मैक्कलम ने माना कि कुछ मौकों पर जिस तरह के बयान दिए गए उससे टीम को नुकसान पहुंचा. उन्होंने कहा कि टीम के खिलाड़ियों ने पॉजीटिव सोच के हिसाब से बयान दिए जिन्हें मीडिया में घमंड की तरह देखा गया. इंग्लैंड को भारत के हाथों पांच मैच की सीरीज में 4-1 से शिकस्त झेलनी पड़ी.
मैक्कलम ने इंग्लिश मीडिया से बातचीत में भारत के खिलाफ हार को लेकर बात की. इसमें बयानबाजी का सवाल भी उठा. इस पर इंग्लिश टीम के कोच ने कहा,
हमें अपने ग्रुप के अंदर विश्वास है. पिछले दो सप्ताह में इसे तगड़ी चोट पहुंची है. हमें उन बयानों को लेकर स्मार्ट होना चाहिए था. यह अच्छी बात है कि हम अंदर से मानें कि कुछ भी हासिल किया जा सकता है लेकिन कभीकभार जब हम बोलते हैं तब स्मार्ट होना जरूरी है. लेकिन लोग इस तरह के माहौल में आगे बढ़ रहे हैं. वे अभी तक खत्म नहीं हुए हैं और निश्चित रूप से उन्हें मीडिया में पॉजीटिव बयान देने के लिए निशाने पर नहीं लेना चाहिए. उनके बयान को हो सकता है कि मीडिया घमंड की तरह समझा गया. यह घमंड नहीं है बस ग्रुप का आत्मविश्वास है.
इंग्लैंड के खिलाड़ियों के कौनसे बयानों ने मचाई थी हलचल
इंग्लिश खिलाड़ियों के बयानों को देखा जाए तो डकेट से राजकोट टेस्ट के दौरान लक्ष्य को लेकर पूछा गया था. तब उन्होंने कहा था कि जितना ज्यादा होगा उतना अच्छा है. बाद में यह टेस्ट इंग्लैंड ने 434 रन से गंवाया था. इसी दौरान डकेट ने यशस्वी जायसवाल के आतिशी अंदाज में खेलने का क्रेडिट इंग्लिश टीम को देने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि अगर विरोधी बल्लेबाज तेजी से रन बना रहे हैं तो इसका श्रेय उन्हें दिया जा सकता है. इसी तरह से जेम्स एंडरसन ने कहा था कि उनके बल्लेबाज 600 का टारगेट मिलेगा तो उसे भी हासिल कर लेंगे.
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