वेस्ट इंडीज की धाकड़ ऑलराउंडर हैली मैथ्यूज (Hayley Matthews) का टी20 क्रिकेट में तहलका जारी है. मुंबई इंडियंस को वीमेंस प्रीमियर लीग के पहले सीजन में अपने ऑलराउंड खेल से चैंपियन बनाने के बाद इस खिलाड़ी ने फेयरब्रेक इन्विटेशनल टूर्नामेंट (FairBreak Invitational Tournament) भी जीत लिया. हैली मैथ्यूज ने 52 गेंद में 11 चौकों व नौ छक्कों से 123 रन की ताबड़तोड़ पारी खेली और अपनी टीम वॉरियर्स के चैंपियन बनने में अहम रोल निभाया. मैथ्यूज से शतक से वॉरियर्स ने चार विकेट पर 230 रन का स्कोर खड़ा किया. फिर फाल्कंस टीम को आठ विकेट पर 137 रन पर रोक दिया और 93 रन से मैच जीता. मैथ्यूज ने बॉलिंग में भी जलवा कायम किया और तीन ओवर में 14 रन देकर दो शिकार किए. फाल्कंस टीम की कप्तानी न्यूजीलैंड की सीनियर बल्लेबाज सूजी बेट्स कर रही थी.
वॉरियर्स इस टूर्नामेंट की सबसे सफल टीम रही. उसने पांच में से तीन मुकाबले जीते और वह अंक तालिका में सबसे ऊपर रही. उसने सेमीफाइनल और फाइनल मुकाबला भी बड़े आराम से जीता. टूर्नामेंट में मैथ्यूज ने जोरदार खेल दिखाया और उन्होंने चार मैच में पांच विकेट लिए. साथ ही एक शतक की मदद से 168 रन बनाए और वह सर्वाधिक रन बनाने वाली बल्लेबाजों में सातवें नंबर पर रही. टूर्नामेंट में उन्होंने 11 चौके व 14 छक्के लगाए. मैथ्यूज डब्ल्यूपीएल में सर्वाधिक विकेट लेने वाली बॉलर रही थी और उन्होंने पर्पल कैप जीती थी.
वॉरियर्स की बैटिंग मैथ्यूज के कंधों पर रही
फाइनल मुकाबले की बात की जाए तो पहले बैटिंग करते हुए वॉरियर्स ने दो विकेट 57 रन पर गंवा दिए थे. फीबी लिचफील्ड (7) और एली जॉन्सटन (10) दोनों ही सस्ते में निपट गईं. मगर मैथ्यूज ने अकेले दम पर टीम की रनगति को तूफानी स्पीड दी. उन्होंने तीसरे विकेट के लिए मिग्नॉन डुप्रीया के साथ 68 रन की साझेदारी की. इसमें डुप्रीया का योगदान केवल आठ रन का था. मैथ्यूज ने 44 गेंद में शतक पूरा किया. जब उनके 100 रन बने तब उनकी टीम का स्कोर 131 रन था. यह दिखाता है किस कदर मैथ्यूज ने अकेले दम पर वॉरियर्स की नैया पार लगाई. वह 15वें ओवर में मेरिकी हिल की गेंद पर आउट हो गई. अगर वह आखिर तक डट जाती तो शायद टी20 क्रिकेट में दोहरा शतक देखने को मिल सकता था.
आखिरी ओवर्स में ब्रायस का तूफान
मैथ्यूज के जाने के बाद कैथरीन ब्रायस ने तूफानी फिफ्टी ठोकी. उन्होंने लगातार आठ गेंद में छह चौके व दो छक्के उड़ाए और 20 गेंद में 52 रन की विस्फोटक पारी खेली. कप्तान सिंधु श्रीहर्षा ने 18 गेंद में 25 रन बनाए और टीम को 230 तक पहुंचा दिया. वॉरियर्स ने आखिरी पांच ओवर्स में 75 रन जुटाए.
फाल्कंस की बैटिंग में नहीं दिखा दम
इसके जवाब में फाल्कंस की टीम की तरफ से टॉप ऑर्डर की चार बल्लेबाजों ने दहाई का आंकड़ा पार कर उपयोगी रन बनाए लेकिन कोई भी लंबा नहीं टिक सकीं. इससे अच्छी स्थिति में होने पर भी उसके हाथ से मैच निकल गया. फाल्कंस की आखिरी छह बल्लेबाजों में से कोई भी दहाई का आंकड़ा पार नहीं कर पाई. इससे वॉरियर्स ने आसानी से खिताब जीत लिया.
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