Rohit sharma, India vs England: भारतीय कप्तान रोहित शर्मा (Rohit sharma) ने इंग्लैंड को रांची टेस्ट में हराने के बाद उन जो बयान दिया, उसके बाद इशान किशन (Ishan kishan) और श्रेयस अय्यर के टेस्ट करियर को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. रोहित ने चौथा टेस्ट जीतने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में सख्त मैसेज देते हुए कहा कि जिन प्लेयर्स में भूख नहीं है, उन्हें मौका देने का कोई मतलब नहीं है. उन्होंने कहा कि टीम इंडिया में सिर्फ उन्हें प्लेयर्स को मौका दिया जाएगा, जो रेड बॉल क्रिकेट में सफलता की भूख दिखाएंगे.
भारत ने चौथे टेस्ट में इंग्लैंड को पांच विकेट से हराकर घरेलू सरजमीं पर लगातार 17वीं टेस्ट सीरीज जीती. सरफराज खान, ध्रुव जुरेल, यशस्वी जायसवाल और आकाशदीप जैसे उभरते हुए खिलाड़ियों ने टीम की सफलता में अहम भूमिका निभाई, जिससे रोहित काफी खुश दिखे और इस बात को लेकर भी काफी स्पष्ट हैं कि वह टीम में किस तरह के प्लेयर्स चाहते हैं. रोहित ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा-
जिन प्लेयर्स को भूख है हम उन्हीं को मौका देंगे. अगर भूख नहीं है तो उनको खिलाने का कोई मतलब नहीं है.
मैंने यहां टीम में कोई भी ऐसा खिलाड़ी नहीं देखा जो भूखा नहीं हो. सभी लड़के जो यहां हैं और जो नहीं हैं, वे सभी खेलना चाहते हैं, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में आपको बहुत कम मौके मिलते हैं. अगर आप उनका फायदा नहीं उठाते तो वे चले जाते हैं.
किन प्लेयर्स को मिलेगा मौका?
रोहित शर्मा के इस बयान के बाद माना जा रहा है कि अय्यर और इशान के लिए भारतीय टेस्ट टीम में वापसी करना आसान नहीं होने वाला है. 25 साल के इशान अपने राज्य झारखंड के लिए रणजी ट्रॉफी में नहीं खेले, मगर अगले महीने होने वाले आईपीएल के लिए उन्हें मुंबई इंडियंस के अपने कप्तान हार्दिक पंड्या के साथ बड़ौदा में ट्रेनिंग करते हुए देखा गया. यह पूछने पर कि क्या लीग युवा खिलाड़ियों के बीच टेस्ट क्रिकेट खेलने की चाहत को प्रभावित कर रही है. इसके जवाब में रोहित ने कहा-
टेस्ट क्रिकेट सबसे कठिन फॉर्मेट है. यदि आप इस फॉर्मेट में सफलता हासिल करना चाहते हैं तो आपको भूख दिखानी होगी. ये पता चल जाता है कि किसको भूख नहीं है और किन लोगों को यहां पर रहना नहीं है. यह पता चलता है. जिन लोगों को भूख है, कठिन परिस्थितियों में खेलना है, उन लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी. ये सरल सी बात है.
रोहित ने लीग को लेकर कहा-
आईपीएल हमारे लिए बहुत अच्छा फॉर्मेट है लेकिन टेस्ट क्रिकेट सबसे कठिन प्रारूप है और इसमें उत्कृष्टता हासिल करना कठिन है. आपको जीतने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी. पिछली तीन जीत आसान नहीं थीं, गेंदबाजों को लंबे स्पैल करने पड़े, बल्लेबाजों को क्रीज पर काफी मेहनत करनी पड़ी.
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