बड़ी खबर: BCCI रिव्यू मीटिंग में लिए गए ये तीन अहम फैसले, वर्ल्ड कप 2023 के लिए IPL फ्रेंचाइजियों को मिली अहम जिम्मेदारी, खिलाड़ियों का होगा डेक्सा टेस्ट

बड़ी खबर: BCCI रिव्यू मीटिंग में लिए गए ये तीन अहम फैसले, वर्ल्ड कप 2023 के लिए IPL फ्रेंचाइजियों को मिली अहम जिम्मेदारी, खिलाड़ियों का होगा डेक्सा टेस्ट

भारतीय क्रिकेट टीम को लेकर हुई रिव्यू मीटिंग मुंबई में खत्म हो चुकी है. बीसीसीआई (BCCI) ने इस मीटिंग का आयोजन किया था. इस मीटिंग में टीम इंडिया के भविष्य और खिलाड़ियों को लेकर कई अहम फैसले लिए गए. बोर्ड ने यहां इंजरी और वर्कलोड मैनेजमेंट पर भी बात की. वहीं यो- यो टेस्ट के साथ खिलाड़ियों को अब डेक्सा टेस्ट भी देना होगा.  ये उन खिलाड़ियों के लिए लागू होगा जो चोट के बाद या फिर ब्रेक के बाद टीम इंडिया के भीतर वापसी करेंगे. वहीं युवा खिलाड़ियों को टीम इंडिया के भीतर सेलेक्शन के लिए डोमेस्टिक मुकाबले खेलने होंगे.

द्रविड़- रोहित- लक्ष्मण थे मीटिंग में मौजूद

बीसीसीआई की इस मीटिंग में कई बड़े नाम शामिल थे. इसमें बोर्ड के अध्यक्ष रोजर बिन्नी, सचिव जय शाह, भारतीय कप्तान रोहित शर्मा, टीम इंडिया के हेड कोच राहुल द्रविड़ और एनसीए के हेड वीवीएस लक्ष्मण. इसके अलावा सीनियर मेन सेलेक्शन कमिटी के चेयरमैन चेतन शर्मा भी इस मीटिंग में मौजूद थे.

1. उभरते खिलाड़ियों को राष्ट्रीय टीम में चयन के योग्य होने के लिए ज्यादा से ज्यादा डोमेस्टिक क्रिकेट खेलना होगा.

2. यो-यो टेस्ट और डेक्सा अब चयन मानदंड का हिस्सा होंगे और इन्हें खिलाड़ियों के सेंट्रल पूल में एक रोडमैप के तहत लागू किया जाएगा.

3. पुरुषों के एफटीपी (फ्यूचर टूर प्रोग्राम) और आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए, एनसीए आईपीएल फ्रेंचाइजी के साथ मिलकर आईपीएल 2023 में भाग लेने वाले भारतीय खिलाड़ियों की निगरानी करेगा.

4 . इसके अलावा बीसीसीआई ने आईसीसी वर्ल्ड कप 2023 के लिए 20 खिलाड़ियों को शॉर्टलिस्ट किया है. इन खिलाड़ियों को अगले 35 वनडे मैचों में रोटेशनल प्रोसेस के तहत मौका दिया जाएगा.

 

क्या होता है डेक्सा टेस्ट?
बोन डेंसिटी टेस्ट को डेक्सा स्कैन भी कहा जाता है. ये एक स्पेशल तरह का एक्स रे टेस्ट होता है जो हड्डियों की डेंसिटी को मापता है. बता दें कि बोर्ड ने इससे पहले कहा था कि खिलाड़ियों की चोट के लिए अहम कदम उठाने होंगे और इसी को देखते हुए अब बोर्ड ने इस टेस्ट को लागू करने का फैसला किया है. इस टेस्ट की मदद से खिलाड़ियों की हड्डियां कितनी मजबूत है और किसमें कैल्शियम की कमी है. इसकी जानकारी मिल पाएगी. वहीं कोई खिलाड़ी हड्डी की किसी बीमारी से नहीं जूझ रहा इसके बारे में भी पता चल पाएगा.