आईपीएल के अभी तक के सीजन में धूम मचाने वाले खिलाड़ी फिलहाल कहां हैं

आईपीएल के अभी तक के सीजन में धूम मचाने वाले खिलाड़ी फिलहाल कहां हैं

इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) ने अब तक कुछ बेहतरीन टैलेंट पैदा किए हैं. पिछले 15 सालों में इस टूर्नामेंट ने दुनिया को वो टॉप क्रिकेटर्स दिए हैं जो वर्तमान में वर्ल्ड क्रिकेट पर राज कर रहे हैं. पिछले कुछ सालों में फैंस ने इन खिलाड़ियों के जरिए टूर्नामेंट में धांसू प्रदर्शन देखे हैं. और अब समय के साथ ये लीग और बड़ी होती जा रही है. हर क्रिकेटर इस लीग का हिस्सा बनना चाहता है और धमाल मचाकर सीधे अपनी नेशनल टीम में एंट्री करना चाहता है.

 

हालांकि कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हैं जिन्होंने शुरुआत तो धांसू की लेकिन निजी कारणों या चोट के चलते इन सभी का करियर खत्म हो गया. ऐसे में चलिए जानते हैं उन 5 खिलाड़ियों के नाम जो आईपीएल के दौरान स्टार रहें लेकिन अब पूरी तरह गुमनाम हो चुके हैं.

 

पॉल वल्थाटी (किंग्स 11 पंजाब)


पॉल वल्थाटी एक मशहूर क्रिकेटर रह चुके हैं. साल 2011 में किंग्स 11 पंजाब से खेलने वाले इस क्रिकेटर ने 14 मैचों में 463 रन बनाए थे. इस दौरान पॉल की स्ट्राइक रेट 136.98 की थी. और उनकी औसत 35.61 की थी. चेन्नई के खिलाफ पॉल की नाबाद 120 रन की धमाकेदार पारी को कोई नहीं भुला सकता. एडम गिलक्रिस्ट और डेविड हसी जैसे स्टार्स खिलाड़ियों के साथ मिलकर पॉल ने इस पारी को यादगार बना दिया था. वहीं उन्होंने 7 विकेट भी लिए थे. लेकिन पॉल इस प्रदर्शन को सटीक नहीं रख पाए और अगले सीजन में बुरी तरह फेल रहे. हैदराबाद के खिलाफ पॉल ने साल 2013 में अपना आखिरी मैच खेला था. हाल ही में पॉल को सोनी स्पोर्ट्स के लिए भारत और जिम्बाब्वे मैच के दौरान कमेंट्री करते हुए देखा गया था.

 

स्वप्निल असनोदकर (राजस्थान रॉयल्स)


गोवा के इस खिलाड़ी ने चेन्नई सुपर किंग्स को आईपीएल फाइनल 2008 में मात देने में अहम भूमिका निभाई थी. उस दौरान स्वप्निल राजस्थान की तरफ से खेला करते थे. इस खिलाड़ी ने उस दौरान राजस्थान की कमान संभाल रहे शेन वॉर्न को अपने प्रदर्शन से काफी ज्यादा प्रभावित किया था. और 9 मैचों में कुल 311 रन बनाए थे. स्वप्निल ने 133.47 की स्ट्राइक रेट और 34.95 की औसत के साथ ये रन बटोरे थे. इस बल्लेबाज ने साल 2011 में अपना आखिरी आईपीएल मुकाबला खेला था. स्वप्निल साल 2001 से गोवा की रणजी टीम का हिस्सा थे और इस बल्लेबाज ने टीम के लिए कई धांसू प्रदर्शन किए थे. साल 2017-18 के रणजी ट्रॉफी सीजन में स्वप्निल गोवा के लिए 6 मैचों में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे. स्वप्निल ने 369 रन बनाए थे. फिलहाल ये खिलड़ी गोवा टीम का कोच है. हाल ही में ये बल्लेबाज लीजेंड्स लीग क्रिकेट में खेलते हुए नजर आया था.

 

मनविंदर बिसला (कोलकाता नाइट राइडर्स)


मनविंदर बिसला ने अपना आईपीएल करियर साल 2009 में डेक्कन चार्जर्स के साथ शुरू किया था. लेकिन असली कमाल इस बल्लेबाज ने दो बार की चैंपियन टीम कोलकाता नाइट राइडर्स के साथ रहते हुए किया. साल 2011-14 तक मनविंदर केकेआर का ही हिस्सा थे. साल 2013 सीजन में इस बल्लेबाज ने 14 मैचों में कुल 255 रन ठोके थे. और मनविंदर के धांसू प्रदर्शन की बदौलत ही टीम साल 2013 में पहली बार चैंपियन बनी. फिलहाल मनविंदर लीजेंड्स लीग क्रिकेट खेलते हैं. मनविंदर क्रिकेट मेंटोर और ब्रॉडकास्टर रह चुके हैं और फिलहाल गुड़गांव में MB क्रिकेट अकादमी चलाते हैं.

 

मनप्रीत गोनी (चेन्नई सुपर किंग्स)


भारतीय क्रिकेट का भविष्य कहे जाने वाले मनविंदर गोनी ने पहले आईपीएल में चेन्नई के लिए सबसे ज्यादा विकेट लिए थे और टीम को फाइनल में पहुंचाया था. इस गेंदबाज ने 16 मैचों में कुल 17 विकेट लिए थे. वहीं लीग में वो चौथे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज थे. इसी की बदौलत उन्हें सीनियर टीम में जगह मिली लेकिन वो सिर्फ 2 विकेट ही ले पाए. डेक्कन चार्जर्स से कुछ मैच खेलने के बाद मनप्रीत किंग्स 11 पंजाब और गुजरात लायंस का भी हिस्सा बने. उन्होंने साल 2017 में केकेआर के लिए अपना आखिरी मुकाबला खेला था. गोनी ने साल 2010 में डोमेस्टिक क्रिकेट को अलविदा कहा. वो कनाडा टी20 लीग में युवराज सिंह के साथ देखे चुके हैं. वहीं वो बांग्लादेश प्रीमियर लीग में भी ड्रॉफ्ट में रहे लेकिन उन्हें किसी ने अपनी टीम में नहीं लिया.

 

कामरान खान (राजस्थान रॉयल्स)


इस लिस्ट में तकरीबन हर खिलाड़ी ने टूर्नामेंट में दो से ज्यादा सीजन खेले हैं. लेकिन कामरान खान सिर्फ दो ही सीजन खेल पाए. इसमें एक सीजन साल 2009 साउथ अफ्रीका भी था. कामरान को टोर्नाडो के नाम से भी जाना जाता है. ये नाम शेन वॉर्न ने दिया था जब कामरान ने साल 2009 सीजन के सुपर ओवर में कोलकाता के क्रिस गेल को आउट किया था. हालांकि कामरान 5 मैचों में सिर्फ 6 विकेट ही ले पाए. जिसमें उनका बेस्ट प्रदर्शन 18 रन देकर 3 विकेट था. बाद में कामरान की गेंदबाजी एक्शन पर सवाल उठने लगे जिसके बाद उन्हें ऑस्ट्रेलिया भेजा गया. लेकिन इसके बाद कामरान पहले जैसा प्रदर्शन नहीं कर पाए. वो साल 2010 एडिशन में पुणे टीम से खेले थे और राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ उन्होंने आखिरी मुकाबला खेला था. फिलहाल वो लोकल लीग्स खेलते हैं. उन्होंने अपना फर्स्ट क्लास डेब्यू श्रीलंका के कोल्ट्स क्रिकेट क्लब के लिए किया था.

 

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