रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने जिस खिलाड़ी को आईपीएल के पिछले दो सीजन में बेंच पर बैठाए रखा, उसने 13 गेंदों पर 44 रन ठोक मैसूर वॉरियर्स को महाराजा टी20 की ट्रॉफी दिला दी है. मनोज भंडगे के दम पर मैसूर ने फाइनल में बेंगलुरु ब्लास्टर्स को 45 रन से धूल चटा दी. आरसीबी ने मनोज भांडगे को पिछले दो सीजन बेंच पर बैठा रखा था. उन्हें एक भी मैच खेलने का मौका नहीं दिया, मगर मनोज ने महाराजा टी20 ट्रॉफी में कमाल कर दिया. बेंगलुरु ब्लास्टर्स के खिलाफ फाइनल में उन्होंने मैसूर के लिए तूफानी पारी खेली.
208 रन के टारगेट का पीछा करने उतरी बेंगलुरु 20 ओवर में 8 विकेट पर महज 162 रन ही बना सकी. बेंगलुरु के लिए सबसे ज्यादा 51 रन सलामी बल्लेबाज चेतन ने बनाए. उनके अलावा क्रांति कुमार ने 21 गेंदों पर नॉटआउट 39 रन बनाए. चेतन को छोड़कर बेंगलुरु का कोई बल्लेबाज नहीं चल पाया. चेतन के अलावा कोई टॉप ऑर्डर बल्लेबाज दोहरे आंकड़े को भी पार नहीं कर पाया.
ऑलराउंडर मनोज को आरसीबी ने 20 लाख रुपये में अपने साथ जोड़ा था, मगर उन्हें दो सीजन में एक बार भी मैदान पर उतरने का मौका नहीं मिला. महाराजा टी20 ट्रॉफी में उन्होंने अपनी एक अलग ही छाप छोड़ी है. ऐसे में ऑक्शन में उनकी आईपीएल के अगले सीजन में उन्हें शायद मैदान पर उतरने का मौका मिल सकता है. महाराजा ट्रॉफी में मयंक ने 213.13 की स्ट्राइक रेट से 12 मैचों में 292 रन बनाए. जिसमें एक फिफ्टी शामिल है.
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