भारतीय क्रिकेट में पिछले कुछ सालों में मोहम्मद सिराज (Mohammed Siraj) ने काफी ज्यादा सफलता हासिल की है और वो लगातार अच्छा कर रहे हैं. अपनी धांसू गेंदबाजी से वर्ल्ड क्रिकेट में उन्होंने अपनी अलग पहचान बना ली है. मोहम्मद शमी के साथ और बुमराह की गैरमौजूदगी में सिराज टीम इंडिया की पेस बैटरी का अहम हिस्सा हैं. सिराज एक तरफ जहां दुनिया पर राज कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ उनकी संघर्ष की कहानी काफी बड़ी है. यहां तक पहुंचने के लिए उन्हें काफी ज्यादा पापड़ बेलने पड़े हैं.
जब सिराज का सबकुछ दांव पर था
सिराज ने इसी संघर्ष को लेकर एक ऐसी कहानी सुनाई है जिसके बारे में बेहद कम लोग जानते हैं. सिराज ने कहा कि, वो अस्पताल में भर्ती थे और उन्हें डेंगू हुआ था. टीम में चयन को लेकर उनका सबकुछ दांव पर लगा हुआ था. सिराज ने कहा कि, लेकिन जैसे ही मैंने क्रिकेट खेला मेरा सारा डेंगू गायब हो गया और मैं इसे आज भी एक चमत्कार मानता हूं.
पिता ने अस्पताल से भागने में मदद की
सिराज ने ब्रेकफस्ट विद चैंपियंस में कहा कि, मेरा नाम अंडर 23 स्क्वॉड में आ चुका था. लेकिन मैं कोरोना के चलते अस्पताल में भर्ती था. इसके बाद मेरे कोच ने मुझसा कहा कि, अगर मैं अभ्यास नहीं करूंगा तो मेरा नाम टीम से हटा दिया जाएगा. इसके बाद मेरे पिता ने मुझे अस्पताल से भागने में मदद की और फिर मैं अभ्यास के लिए मैदान पर पहुंचा.
सिराज ने आगे कहा कि, मेरे साथ उस दिन चमत्कार हुआ था क्योंकि मैं बल्लेबाजी भी कर रहा था और गेंदबाजी भी. और मुझे उस वक्त बिल्कुल भी नहीं लाग कि मुझे डेंगू हुआ है. इसके बाद मैंने जब टेस्ट कराया तो मुझे डेंगू नहीं था. मुझे लगता है कि मेरे लिए ये आज भी एक चमत्कार है और ये सबकुछ मेरे माता पिता के दुआओं के चलते हुआ है.
बता दें कि सिराज ने भारत के लिए साल 2017 में टी20 में डेब्यू किया था और साल 2019 में वनडे डेब्यू. इसके बाद सिराज को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने अपनी टीम में शामिल किया.
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