NZ vs SA Tangiwai Shield: न्यूजीलैंड और साउथ अफ्रीका के बीच दो टेस्ट मैच की सीरीज को तंगिवई शील्ड के नाम से जाना जाएगा. 2 फरवरी को न्यूजीलैंड क्रिकेट और क्रिकेट साउथ अफ्रीका ने मिलकर यह फैसला किया. दोनों देशों के बीच 4 फरवरी से सीरीज का आगाज माउंट मॉन्गनुई टेस्ट के साथ होगा. 1953 में वेलिंगटन से ऑकलैंड जा रही ट्रेन के हादसे की याद में ट्रॉफी का नाम तंगिवई शील्ड रखा गया है. उस हादसे में कुल 151 लोग मारे गए थे. यह न्यूजीलैंड के इतिहास का सबसे भयानक ट्रेन हादसा था. मरने वालों में न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज बॉब ब्लेयर की मंगेतर नरीसा लव भी शामिल थीं. बॉब तब न्यूजीलैंड टीम का हिस्सा थे और साउथ अफ्रीका में टेस्ट खेल रहे थे.
तंगिवई शील्ड को डेविड न्गावाती ने तैयार किया है. इसे न्यूजीलैंड के देशी पेड़ पुरीरी से बनाया गया है और इसमें बीच में तंगिवई इलाके में पाया जाने वाला पत्थर लगाया गया है. तंगिवई न्यूजीलैंड की मूल भाषा माओरी का शब्द है जिसका मतलब होता है- आंसुओं की नदी.
क्या है Tangiwai Shield की कहानी और इतिहास
इस हादसे की कहानी तब से जुड़ी है जब 1953 में कीवी टीम साउथ अफ्रीका के दौरे पर थी. 24 दिसंबर को मैच शुरू हुआ और पहले दिन न्यूजीलैंड के गेंदबाजों के साउथ अफ्रीका का स्कोर आठ विकेट पर 259 रन था. बॉब ने दो विकेट लिए थे. रात में कीवी खिलाड़ियों ने क्रिसमस मनाई और सो गए. सुबह जब वे उठे तो उन्हें ट्रेन हादसे की जानकारी मिली. ब्लेयर के लिए यह हादसा निजी रूप से भी काफी गहरा था. मंगेतर के निधन से वह दुखी थे. ऐसे में अगले दिन के लिए खेल के लिए वह मैदान में नहीं गए और होटल में ही रह गए. बताया गया कि वह मैच में आगे हिस्सा नहीं ले पाएंगे और दोनों देशों के झंडे आधे झुके रहेंगे.
न्यूजीलैंड की टीम जब बैटिंग के लिए उतरी तो उसके बल्लेबाज साउथ अफ्रीकी गेंदबाजों के सामने टिक नहीं पाए. 154 रन के स्कोर पर उसके नौ विकेट गिर गए. इस दौरान कई बल्लेबाजों को चोटें भी आईं क्योंकि पिच से तेज गेंदबाजों को जबरदस्त मदद मिल रही थी. जब नौ विकेट गिर गए तो माना गया कि कीवी टीम सिमट गई है. लेकिन बॉब बैटिंग के लिए जब खिलाड़ियों के आने से रास्ते से बाहर आए तो खिलाड़ी और दर्शक सब चौंक गए. उन्होंने बर्ट सटक्लिफ के साथ आखिरी विकेट के लिए 33 रन की साझेदारी की और टीम को 187 तक पहुंचाया. इससे टीम ने फॉलोऑन बचाया.
साउथ अफ्रीका ने दूसरी पारी में 148 रन बनाने के बाद कीवी टीम को 100 रन पर समेटकर मैच 132 रन से जीत लिया. जिस तरह के हालात में बॉब ने मैच खेला उसे न्यूजीलैंड क्रिकेट के इतिहास की यादगार घटनाओं में शुमार किया जाता है.
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