World Cup 2023 Schedule: भारत में अक्टूबर-नवंबर में होने वाले वनडे विश्व कप के मैचों की मेजबानी नहीं मिलने पर मोहाली और इंदौर समेत देश के प्रमुख क्रिकेट केंद्रों के अधिकारियों ने निराशा जताई है. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद और मेजबान बीसीसीआई ने मंगलवार (27 जून) को विश्व कप के कार्यक्रम का ऐलान किया जिसमें 5 अक्टूबर से 19 नवंबर तक 10 शहरों में मैच खेले जाएंगे. मोहाली, इंदौर, राजकोट, रांची और नागपुर को एक भी मैच नहीं मिला है. इनमें से मोहाली, नागपुर में 2011 के वर्ल्ड कप के दौरान मैच खेले गए थे. मोहाली में तो 2011 वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल हुआ था जिसमें भारत-पाकिस्तान आमने-सामने थे. विश्व कप के मैच हैदराबाद, अहमदाबाद, धर्मशाला, दिल्ली, चेन्नई, लखनऊ, पुणे, बेंगलुरु, मुंबई और कोलकाता में होंगे. आईसीसी टूर्नामेंट में आम तौर पर मेजबान आयोजन समिति द्वारा प्रस्तावित मेजबान शहरों को मंजूरी मिल जाती है. नियमित तौर पर अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी कर रहे इंदौर को विश्व कप का एक भी मैच नहीं मिला है.
मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ के अध्यक्ष अभिलाष खांडेकर ने इस पर निराशा जताते हुए कहा, ‘इंदौर में 1987 में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच विश्व कप का मैच हुआ था. हमें दुख है कि इस बार इंदौर को बाहर रखा गया. पता नहीं बीसीसीआई की क्या मजबूरी थी. हमें लगा था कि इंदौर को मैच मिलेगा.’ इंग्लैंड में विश्व कप 2019 में 11 वेन्यू चुने गए थे जबकि ऑस्ट्रेलिया में 2015 वर्ल्ड कप में 14 शहरों में मैच हुए थे. समझा जाता है कि जितनी कम जगहों पर मैच हो उतना ही लॉजिस्टिक्स का खर्चा कम रहता है. एक प्रदेश इकाई के अधिकारी ने कहा, ‘हमें बताया गया था कि चार-पांच बड़े महानगरों के अलावा क्षेत्र के आधार पर (उत्तर, दक्षिण, पश्चिम, पूर्व, मध्य) एक-एक मैच मिलेगा. अहमदाबाद स्टेडियम सबसे बड़ा होने के कारण वहां फाइनल खेला जाएगा.’
हैदराबाद को छोड़कर हर मैदान में 5 मैच
हैदराबाद को छोड़कर वर्ल्ड कप के लिए चुने गए सभी मैदानों में पांच मैच होंगे. पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन के एक सूत्र ने पीटीआई से कहा, 'हमने इसके लिए कड़ी मेहनत की थी लेकिन हमें मैच नहीं मिला. प्रैक्टिस मैच भी नहीं मिलना निराशाजनक है.'
पंजाब के खेल मंत्री गुरमीत सिंह मीत हायर ने विश्वकप मुकाबले की मेजबानी करने वाले शहरों में मोहाली को शामिल नहीं किए जाने की निंदा की. उन्होंने दावा किया कि मेजबान शहरों का चयन राजनीति कारणों से प्रेरित है. उनका कहना है कि मोहाली क्रिकेट स्टेडियम 1996 और 2011 के विश्व कप के कुछ प्रमुख मुकाबलों का गवाह रहा है, लेकिन इस बार इसे एक भी मैच की मेजबानी का मौका नहीं दिया गया.
पंजाब के खेल मंत्री का तीखा हमला
पंजाब के मंत्री ने ‘राजनीतिक हस्तक्षेप’ का आरोप लगाया और तंज कसते हुए कहा, ‘सब जानते हैं कि बीसीसीआई की अगुवाई कौन कर रहा है.’ उन्होंने कहा, 'अच्छी बात है कि भारत में वर्ल्ड कप हो रहा है लेकिन दुख की बात है कि एक स्टेडियम जिसने भारतीय क्रिकेट को कई सुपर स्टार दिए हैं, एक स्टेडियम जो देश के टॉप-पांच वेन्यू में होता था उसे कोई मैच नहीं मिला. दूसरी तरफ नरेंद्र मोदी स्टेडियम में ओपनिंग मैच के सथ ही फाइनल भी हो रहा है और भारत-पाकिस्तान का बड़ा मैच भी. पड़ोस में धर्मशाला को पांच मैच मिले हैं लेकिन पंजाब को एक भी नहीं. इससे साफ है कि राजनीति हो रही है.'
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