मुंबई के ऐतिहासिक वानखेड़े स्टेडियम में लेजेंड्री मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के स्टैच्यू का अनावरण किया गया. ये स्टैच्यू भारतीय क्रिकेट इतिहास में हमेशा के लिए शामिल हो गया. इस कार्यक्रम को सचिन तेंदुलकर और उनके परिवार की उपस्थिति ने और भी यादगार बना दिया. वानखेड़े का मैदान वही मैदान है जहां सचिन ने खूब सारा क्रिकेट खेला है और भारत को कई अहम मैचों में जीत दिलाई है. वानखेड़े के मैदान में सचिन तेंदुलकर नाम के स्टैंड्स के पास ही सचिन तेंदुलकर की प्रतिमा को स्थापित किया गया. ये प्रतिमा उनके 50 सालों के सफर को समर्पित की गई है. सचिन ने इस साल अप्रैल में अपना 50वां जन्मदिन मनाया था.
सचिन के चलते धोनी बने थे कप्तान
सचिन तेंदुलकर कितने महान बल्लेबाज हैं और दुनिया में इस पूर्व क्रिकेटर को किस तरह पूजा जाता है इसका अंदाजा हम सचिन के रिकॉर्ड्स से ही लगा सकते हैं. लेकिन सचिन वो शख्स भी हैं जिन्होंने एक ऐसे खिलाड़ी को टीम इंडिया का कप्तान बनाने की बात रखी जिसने भारतीय क्रिकेट को बदलकर रख दिया. हम टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर और टीम को विश्व विजेता बनाने वाले कप्तान एमएस धोनी की बात कर रहे हैं. बीसीसीआई सचिव जय शाह भी इस इवेंट में शामिल थे और ऐसे में उन्होंने ऐसी बात कही जिसे सुन सभी चौंक गए. जय शाह ने कहा कि, सचिन तेंदुलकर के कहने पर ही धोनी को टीम इंडिया का कप्तान बनाया गया था.
बता दें कि कप्तानी संभालने से पहले, एमएस धोनी ने कभी भी किसी भी स्तर पर भारतीय टीम का नेतृत्व नहीं किया था. जब 2007 में भारत-इंग्लैंड सीरीज के दौरान सचिन को टीम की कप्तानी करने का मौका दिया गया. लेकिन इस बीच उन्होंने धोनी की नेतृत्व क्षमता को देखा और खुद यह भूमिका निभाने के बजाय उन्हें इस पद के लिए सुझाव दिया. इस विकल्प ने कैप्टन कूल के रूप में एमएस धोनी को टीम इंडिया का नया कप्तान बनाने में मदद की.
जब एमएस धोनी कप्तान बने तो भारतीय क्रिकेट टीम ने अविश्वसनीय उपलब्धियां हासिल कीं. अपने शांत दिमाग और सबसे कठिन परिस्थितियों में भी दबाव ने लेने के चलते उन्हें पिच पर "कैप्टन कूल" कहा जाने लगा. धोनी की कप्तानी में भारतीय क्रिकेट टीम ने तीन प्रमुख आईसीसी खिताब पर कब्जा जमाया. इसमें आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी, आईसीसी वनडे विश्व कप और आईसीसी टी20 विश्व कप शामिल है.
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