52 साल के हुए सौरव गांगुली, आक्रामक कप्तान के बाद बने BCCI अध्यक्ष, इन 5 पारियों में दुनिया ने देखी 'दादागिरी'

52 साल के हुए सौरव गांगुली, आक्रामक कप्तान के बाद बने BCCI अध्यक्ष, इन 5 पारियों में दुनिया ने देखी 'दादागिरी'
नेटवेस्ट सीरीज फाइनल जीतने के बाद जश्न मनाते सौरव गांगुली

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सौरव गांगुली 8 जुलाई को अपना 52वां जन्मदिन मना रहे हैंसौरव गांगुली टीम इंडिया के कप्तान और बीसीसीआई के अध्यक्ष रह चुके हैं

टीम इंडिया के दादा सौरव गांगुली 8 जुलाई को अपना 52वां जन्मदिन मना रहे हैं. सौरव गांगुली वो खिलाड़ी है जो अपनी कप्तानी के दिनों में टीम इंडिया को कई अहम मैच और टूर्नामेंट में जीत दिला चुके हैं. इसमें सबसे बड़ी जीत साल 2002 की नेटवेस्ट सीरीज की जीत है जिसमें टीम ने इंग्लैंड को उसी की धरती पर मात दी थी. गांगुली ने इसके बाद लॉर्ड्स के मैदान पर अपनी जर्सी लहराई थी. ये ऐसा लम्हा था जिसे अब तक कोई भुला नहीं पाया है.

चैपल ने बिगाड़ा करियर


लेकिन सौरव गांगुली का करियर उस वक्त हिल गया जब साल 2005 में ग्रेग चैपल को टीम इंडिया का कोच बनाया गया. चैपल ने बीसीसीआई के मेल लिखा जिसमें गांगुली के स्किल्स और कप्तानी को लेकर सवाल उठाए गए थे. ये मेल लीक हो गई जिसके बाद गांगुली को नेशनल टीम से ड्रॉप कर दिया गया और राहुल द्रविड़ को नया कप्तान बनाया गया. प्रिंस ऑफ कोलकाता ने इसके बाद भी हार नहीं मानी और साल 2006 में साउथ अफ्रीका दौरे पर खुद को साबित किया. इसके बाद अगले साल उन्होंने बैंगलोर में पाकिस्तान के खिलाफ 239 रन ठोके. साल 2008 में उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहा और साल 2012 में उन्होंने हर फॉर्मेट से रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया.

रिटायरमेंट के बाद भी सौरव गांगुली क्रिकेट से जुड़े रहे. पहले कमेंट्री की और फिर साल 2015 में क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल के अध्यक्ष बने. साल 2019 में दिल्ली कैपिटल्स ने उन्हें अपना मेंटॉर बनाया और फिर अगले साल वो बीसीसीआई के अध्यक्ष बन गए. गांगुली का ये कार्यकाल साल 2022 में खत्म हो गया और फिलहाल वो दिल्ली कैपिटल्स के डायरेक्टर हैं. ऐसे में चलिए जानते हैं कि गांगुली ने एक क्रिकेटर के तौर पर क्या हासिल किया है और वो कौन सी उनकी 5 पारियां है जिसमें दुनिया ने दादागिरी देखी.

239 बनाम पाकिस्तान, बेंगलुरू (2007)
भारत के पहली पारी में तीन विकेट जल्दी गिरने के बाद सौरव गांगुली क्रीज पर आए. उन्होंने 361 गेंदों पर 30 चौके और दो छक्के लगाकर 239 रन बनाए. युवराज सिंह और इरफान पठान ने भी शतक जड़े, जिससे भारत ने 626 रन बनाए. पांचवें दिन के अंत में, पाकिस्तान ने 327 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए 162 रन बनाए और मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ.

 

183 बनाम श्रीलंका, टॉनटन (1999)
सौरव गांगुली ने 1999 में श्रीलंका के खिलाफ विश्व कप मैच में अपना सर्वश्रेष्ठ वनडे स्कोर दर्ज किया. उन्होंने 158 गेंदों पर 183 रन बनाए और अपनी पारी में 17 चौके और सात छक्के लगाए. उनके योगदान की बदौलत भारत ने 50 ओवरों में 373 रन बनाए और मैच 157 रनों से जीत लिया.

 

144 बनाम ऑस्ट्रेलिया, ब्रिसबेन (2003)
ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 323 रन बनाए, जिसके बाद भारत ने 127 के स्कोर पर चार विकेट खो दिए. तभी सौरव गांगुली ने वीवीएस लक्ष्मण के साथ मिलकर 146 रनों की साझेदारी करके पारी को संभाला. गांगुली ने 196 गेंदों पर 18 चौके लगाकर स्कोरशीट में 144 रन जोड़े. ऑस्ट्रेलिया ने 199 रनों का लक्ष्य रखा लेकिन टीम इंडिया समय से पीछे रह गई.

 

131 बनाम दक्षिण अफ्रीका, नैरोबी (2000)
सौरव गांगुली ने 2000 चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल में 131 रनों की पारी खेली. बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज ने 11 चौके और छह छक्के लगाकर 141 रन बनाए, जिसकी बदौलत भारत ने पहली पारी में 295 रन बनाए. जवाब में, दक्षिण अफ्रीका की टीम 41वें ओवर में 200 रन पर ढेर हो गई.

 

131 बनाम इंग्लैंड, लंदन (1996)
सौरव गांगुली ने राहुल द्रविड़ के साथ लॉर्ड्स में अपना टेस्ट डेब्यू किया. गांगुली पहली पारी में 131 रन बनाकर भारत के टॉप स्कोरर थे. द्रविड़ ने भी अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन शतक से सिर्फ पांच रन से चूक गए. इंग्लैंड की बल्लेबाजी तीसरी पारी में ढह गई. हालांकि मैच अंत में ड्रॉ हो गया.

 

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