भारत और साउथ अफ्रीका (India vs South Africa) के बीच सीरीज का दूसरा व अंतिम टेस्ट मैच जिस केपटाउन के मैदान में खेला जाएगा. उसी केपटाउन के मैदान में टीम इंडिया की कब्रगाह साल 1997 से बनी हुई है. जब उसे सचिन तेंदुलकर की कप्तानी में 282 रनों की बुरी हार का सामना करना पड़ा. तबसे लेकर अभी तक महेंद्र सिंह धोनी से लेकर विराट कोहली जैसे दिग्गजों ने केपटाउन के मैदान में जीत का तिरंगा लहराना चाहा. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो सका. हर बार जीत की चाहत में टीम इंडिया की कब्रगाह केपटाउन का मैदान बनता चला गया. जिसके चलते रोहित शर्मा के पास जहां इतिहास पलटने का मौका है. वहीं चलिए जानते हैं कि भारत को अभी तक इस मैदान में खेले गए 6 में से चार मैचों में किस तरह हार का सामना करना पड़ा है.
1993- पहला टेस्ट हुआ ड्रॉ
साल 1993 में सीरीज के चौथे टेस्ट मैच को खेलने के लिए टीम इंडिया मोहम्मद अज़हरुद्दीन की कप्तानी में पहली बार केपटाउन के मैदान में उतरी. इस मैच में पहली पारी में साउथ अफ्रीका ने 360 रन बनाए. जवाब में भारत के लिए सचिन तेंदुलकर (73) और मनोज प्रभाकर (62) ने अर्धशतकीय पारी खेली. जिससे टीम इंडिया 276 रन बनाकर ऑलआउट हो गई. दूसरी पारी साउथ अफ्रीका ने 130 रन पर घोषित की जबकि भारत एक विकेट पर 29 रन ही बना सका था. तभी टेस्ट मैच बराबरी पर समाप्त हो गया.
साल 1997 - भारत को मिली पहली हार
सचिन तेंदुलकर की कप्तानी में टीम इंडिया केपटाउन के मैदान में खेलने उतरी तो साउथ अफ्रीकी बल्लेबाजों ने उनका बखूबी स्वागत किया. साउथ अफ्रीका की तरफ से गैरी किर्स्टन और ब्रयान मैकमिलन ने तो शतक जड़ा ही बल्कि नंबर-9 पर आने वाले लांस क्लूजनर ने भी शतक जड़कर भारत को हिला डाला. जिससे साउथ अफ्रीका ने पहली पारी 7 विकेट के नुकसान पर 529 रन बनाकर घोषित कर डाली. इससे भारत उबर नहीं सका और उसे 282 रनों से अंत में हार का सामना करना पड़ा.
2011 में भारत ने खेला ड्रॉ
साल 2011 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली टीम इंडिया ने जीत हासिल नहीं की तो उसे हार भी नहीं मिली. साउथ अफ्रीका ने पहली पारी में 362 रन बनाए. इसके बाद सचिन तेंदुलकर ने भारत के लिए 146 रनों की बेहतरीन पारी खेलकर टीम इंडिया को 364 के स्कोर तक पहुंचाया. दूसरी पारी में जैक कैलिस (109) के शतक से साउथ अफ्रीका ने 341 रन बनाकर भारत के सामने 340 रनों का विशाल टारगेट रखा. इसके जवाब में टीम इंडिया ने 3 विकेट पर 166 रन बनाए और मैच बराबरी पर समाप्त हो गया.
2018 और 2022 में लगातार भारत को मिली हार
विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया ने केपटाउन के मैदान में दो मैच खेले और उसे दोनों मैचों में हार का सामना करना पड़ा. साल 2018 में कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया को साउथ अफ्रीका ने 208 रनों का टारगेट चेज करने के लिए दिया था. लेकिन वर्नोन फिलेंडर (6 विकेट) की घातक गेंदबाजी के आगे भारतीय टीम 135 रन पर ही सिमट गई और उसे 72 रनों की हार का सामना करना पड़ा.
साल 2022 में भी विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया हार को नहीं बचा सकी और टीम इंडिया पहली पारी में 223 रन ही बना सकी और उसके बाद साउथ अफ्रीका को जसप्रीत बुमराह (5 विकेट) के पंजे से 210 रन पर समेट दिया था. हालांकि दूसरी पारी में ऋषभ पंत (100) के शतक के बावजूद टीम इंडिया 198 पर ही सिमट गई. जिससे 212 रनों के टारगेट को हासिल करते हुए साउथ अफ्रीका ने भारत को 7 विकेट से हराया.
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