टीम इंडिया के टी20 वर्ल्ड चैंपियन बनने के साथ ही राहुल द्रविड़ का टीम इंडिया के साथ सफर भी पूरा हो गया. बतौर हेड कोच फाइनल के साथ उनका कार्यकाल पूरा हो गया है. टीम इंडिया के साथ अपने कोचिंग करियर को फिनिश करने से ठीक पहले द्रविड़ ने आखिरकार वो हासिल कर लिया, जिसका सपना वो उस समय से देख रहे थे, जब उन्होंने खुद पहली बार टीम इंडिया की जर्सी पहनी, मगर बतौर खिलाड़ी तो वो वर्ल्ड कप ट्रॉफी उठा नहीं पाए.
वो बतौर हेड कोच वर्ल्ड कप ट्रॉफी उठाने में सफल रहे. जिसके बाद उनका सालों से दिल में दबा दर्द भी सामने आ गया. दरअसल द्रविड़ को वर्ल्ड कप ना जीतने का मलाल था. टीम इंडिया ने फाइनल में साउथ अफ्रीका को सात रन से हराकर खिताब जीता. टीम इंडिया के टी20 वर्ल्ड कप 2024 जीतने के बाद द्रविड़ ने कहा -
बतौर खिलाड़ी मैं ट्रॉफी जीतने के लिए किस्मतवाला नहीं था, लेकिन मैंने अपना बेस्ट दिया. मैं काफी भाग्यशाली था कि मुझे एक टीम को कोचिंग देने का मौका दिया गया. मैं भाग्यशाली था कि लड़कों के इस ग्रुप ने मेरे लिए इस ट्रॉफी को जीतना संभव बनाया. ये एक शानदार एहसास है. ये एक शानदार सफर रहा.
द्रविड़ की कोचिंग में भारतीय टीम पिछले साल वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में भी पहुंची थी, मगर वहां टीम वर्ल्ड चैंपियन बनने से चूक गई थी. उस दर्द के करीब 8 महीने बाद टीम ने वर्ल्ड चैंपियन का खिताब आखिरकार हासिल कर लिया.
द्रविड़ की कोचिंग में टीम इंडिया ने कई शानदार जीत हासिल की, मगर टी20 वर्ल्ड कप की ट्रॉफी उनके कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि है. द्रविड़ ने ट्रॉफी को उठाकर टीम इंडिया की शानदार जीत का जश्न बनाया.
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