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परिवार में क्रिकेट का माहौल
राजकुमार ने बीसीसीआई के एक वीडियो ‘द मेकिंग ऑफ अभिषेक शर्मा’ में बताया, “मेरे घर में क्रिकेट का माहौल था. जब अभिषेक छोटा था, तब वह मेरे बल्ले से खेला करता था. वह अपनी मां को परेशान करता था कि उसे बल्लेबाजी करनी है. मेरी दो बेटियां हैं, और वह उनसे रात में अभ्यास के लिए मदद मांगता था.” उन्होंने आगे कहा, “कभी-कभी वह मुझसे कहता था कि मुझे डाइविंग और कैचिंग का अभ्यास करना है. उसका जुनून देखकर मुझे लगा कि वह एक दिन बड़ा खिलाड़ी बनेगा. इसके बाद मैं उसे मैदान पर ले गया. सीनियर खिलाड़ी कहते थे कि तुम्हारे बेटे में बहुत प्रतिभा है, वह भारत के लिए खेलेगा.”
कड़ी मेहनत और लोगों का प्यार
इस वीडियो में राजकुमार ने कहा, “मैं कहता था कि वह अभी छोटा है, उसे बस बल्ला पकड़ना आता है. लेकिन सबका आशीर्वाद, लोगों का प्यार और उसकी मेहनत ने उसे इस मुकाम तक पहुंचाया.” 25 साल के इस बाएं हाथ के बल्लेबाज ने पाकिस्तान के अनुभवी तेज गेंदबाज शाहीन शाह अफरीदी के खिलाफ 13 गेंदों में 31 रन की आक्रामक पारी खेली, जिसमें चौके और छक्के शामिल थे.
कठिन ट्रेनिंग
राजकुमार ने आगे कहा कि, “जब मैं अभिषेक को ट्रेनिंग देता था, तब अंडर-16 के दिनों में मैं उसे 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद फेंकने वाले गेंदबाजों का सामना कराता था. सभी बच्चे कहते थे, ‘पाजी, उसे चोट लग सकती है,’ लेकिन मैं उसे ऐसी ही ट्रेनिंग देता था.”