भारतीय क्रिकेट टीम एशिया कप 2025 के लिए दुबई पहुंच चुकी है. उसने 5 सितंबर से ट्रेनिंग शुरू की और 6 सितंबर को भी अभ्यास किया. इस दौरान भारतीय खिलाड़ियों का ब्रोंको टेस्ट भी हुआ. हालांकि इस दौरान नतीजों से ज्यादा ध्यान खिलाड़ियों को इस एक्सरसाइज के जरिए मैच के लिए तैयार करने पर रहा. भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने हाल ही में ब्रोंको टेस्ट लागू किया. पहले कहा जा रहा था कि इसके जरिए खिलाड़ियों का फिटनेस टेस्ट होगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. बेंगलुरु में फिटनेस टेस्ट के दौरान यो यो टेस्ट और डेक्सा टेस्ट हुए.
जानकारी के अनुसार, 6 सितंबर को ट्रेनिंग के दौरान भारतीय खिलाड़ियों का ब्रोंको टेस्ट हुआ. इसके तहत 20, 40 और 60 मीटर की दूरी पर अलग-अलग कोन रखे गए. 15 सदस्यीय टीम इंडिया को पांच-पांच के तीन ग्रुप में बांटा गया. फिर खिलाड़ियों से अलग-अलग दूरी पर रखे गए कोन के बीच दौड़ाया गया. ट्रेनर एड्रियन ली रू ने ब्रोंको टेस्ट को लेकर फैसले किए. बैटिंग कोच सितांशु कोटक ने खिलाड़ियों के स्कोर लिखे. वहीं हेड कोच गौतम गंभीर इस दौरान सभी खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाते दिखे.
दुबई में क्यों किया गया ब्रोंको टेस्ट
ब्रोंको टेस्ट के दौरान इस बात पर जोर रहा कि मैच वाले दिन के हालात को लेकर खिलाड़ी कितने तैयार हैं. दुबई में अभी काफी गर्मी है. इस वजह से मैच की टाइमिंग को भी आधे घंटे आगे खिसकाया गया है. साथ ही टीमें शाम के समय में प्रैक्टिस कर रही हैं. यहां पर तापमान 38 डिग्री के करीब रह रहा है. ऐसे में खिलाड़ियों को मैच के दौरान काफी समस्या का सामना करना पड़ सकता है. इसी से निपटने के लिए ब्रोंको टेस्ट का सहारा लिया गया.
रग्बी से लिया गया है ब्रोंको टेस्ट
ब्रोंको टेस्ट आमतौर पर रग्बी में इस्तेमाल होता है. भारत क्रिकेट में शायद पहला देश है जिसने इसे अपनाया है. इस टेस्ट को लेकर बंटे हुए रिएक्शन सामने आए हैं. कुछ लोगों का कहना है कि रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे सीनियर खिलाड़ियों को बाहर करने का रास्ता खोलने के लिए ब्रोंको टेस्ट को लागू किया गया है.