ICC Punishment: सुनील गावस्कर ने सूर्या-हारिस रऊफ को सजा के बाद फाइनल के बारे में दी चेतावनी, बोले- अभी तो गर्मागर्मी होगी

ICC Punishment: सुनील गावस्कर ने सूर्या-हारिस रऊफ को सजा के बाद फाइनल के बारे में दी चेतावनी, बोले- अभी तो गर्मागर्मी होगी
ഈ ടൂർണമെന്റിൽ ഇന്ത്യയുടെ ഏറ്റവും വലിയ ആശങ്ക ഫീൽഡിംഗായിരുന്നു. ഇതുവരെ, ടീം 12 ക്യാച്ചുകൾ കൈവിട്ടു.

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सुनील गावस्कर का कहना है कि खेल का स्तर नीचे नहीं जाना चाहिए.

गावस्कर का कहना है कि मैच में केवल गेंद-बल्ले से जवाब देना चाहिए.

भारत और पाकिस्तान 28 सितंबर को एशिया कप फाइनल में भिड़ेंगे.

भारत के कप्तान सूर्यकुमार यादव और पाकिस्तान के हारिस रऊफ व साहिबजादा फरहान को आईसीसी ने अलग-अलग मामलों में सजा दी है. 14 सितंबर को एशिया कप 2025 के ग्रुप स्टेज के मुकाबले में पाकिस्तान पर जीत को पहलगाम पीड़ितों और भारतीय सुरक्षाबलों को समर्पित करने पर सूर्या को सजा दी गई. वहीं 21 सितंबर को सुपर-4 के मुकाबले में की गई हरकतों और गाली-गलौज के लिए पाकिस्तानी गेंदबाज व बल्लेबाज को भी फटकार के साथ सजा मिली है. इस मामले में भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर की प्रतिक्रिया आई है. उनका कहना है अभी मामले पर विराम नहीं लगेगा.

आईसीसी ने सूर्या को राजनीतिक बयान देने का दोषी पाया और मैच फीस का 30 फीसदी जुर्माना लगाया है. वहीं हारिस रऊफ को फाइटर जेट गिरने के इशारे करने के चलते सजा मिली है. बताया जाता है कि उन्हें भी 30 फीसदी मैच फीस कटानी होगी. फरहान को गन सेलिब्रेशन के चलते केवल फटकार लगाई गई है. गावस्कर ने इन घटनाओं के बारे में स्पोर्ट्स तक से बात करते हुए कहा कि किसी खिलाड़ी पर प्रतिबंध नहीं लगा है जिससे दोनों टीमें फाइनल में सभी खिलाड़ियों के साथ खेलेंगी. ऐसे में कोई भी यह शिकायत नहीं कर सकता कि उसका खिलाड़ी बाहर था.

गावस्कर ने कहा, अगर किसी को इंजरी नहीं होती है तो दोनों टीमें पूरे 15-15 खिलाड़ियों की उपलब्धता के साथ खेलने उतरेंगी. फिर भी मैं यह कहूंगा कि पिछले रविवार (21 सितंबर) को क्रिकेट के मैदान पर जो कुछ हुआ वह होना नहीं चाहिए था. आपकी बातें सिर्फ गेंद और बल्ले से होनी चाहिए.

गावस्कर बोले- गेंद और बल्ले से दो जवाब

 

गावस्कर ने सजा मिलने के सवाल पर कहा, रऊफ को उनकी बातों के चलते सजा मिली. इसमें गाली-गलौज शामिल है. फरहान ने केवल सेलिब्रेशन किया. उन्होंने कहा कि वह ऐसा करते नहीं है लेकिन उनके मन में आया तो उन्होंने किया. इसलिए शायद उन पर जुर्माना नहीं लगा. इसलिए मेरा कहना है कि जो बातें वह सिर्फ गेंद-बल्ले से होनी चाहिए. मुंह से कुछ नहीं होनी चाहिए.