चेतेश्वर पुजारा 100वां टेस्ट खेलने जा रहे हैं. वे इस मुकाम तक पहुंचने वाले 13वें भारतीय होंगे. भारत और ऑस्ट्रेलिया (India vs Australia Test) के बीच दिल्ली टेस्ट चेतेश्वर पुजारा का 100वां टेस्ट रहेगा. उन्होंने 2010 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ डेब्यू किया था और अब इसी टीम के खिलाफ उनका कीर्तिमान वाला मैच होने जा रहा है. पुजारा के लिए यह सफर इतना आसान नहीं था. जब वे 17 साल के थे तब कैंसर के चलते उनकी मां का देहांत हो गया था. 13 साल के थे तब भारत की अंडर-15 वर्ल्ड कप टीम में चुने जाने से चूक गए थे. लेकिन इससे उबरते हुए वे आगे बढ़े और आज के दिग्गज खिलाड़ियों में शुमार होते हैं.
पुजारा के पिता अरविंद ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में एक किस्सा सुनाया जो दिखाता है कि वे किस तरह से मुश्किल हालात में भी शांत बने रहते हैं. पुजारा के पिता के अनुसार, 'उसने (चेतेश्वर) सौराष्ट्र के लिए अंडर 13 मुकाबले में 300 रन बनाए थे. उस साल अंडर-15 वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम का ऐलान होना था. इसलिए उसे बैंगलोर कैंप में बुलाया गया. 300 रन की पारी के चलते उसको लेकर काफी हाइप थी. कैंप में मौजूद बाकी बच्चे उससे कहते थे कि वह निश्चित रूप से कप्तानी के लिए चुना जाएगा. लेकिन जब ऐलान हुआ तब वह कप्तानी तो दूर टीम का हिस्सा भी नहीं थे. उसने यह बात मुझे बताई और बैंगलोर-मुंबई-राजकोट ट्रेन में बैठ गया.'
रास्ते में चोरी हो गया पुजारा का सामान
बकौल अरविंद, 'जब मैं रेलवे स्टेशन पर था तब मुझे फोन आया कि उसे अंडर 16 मैच के लिए बड़ौदा जाना है. मैं पत्नी को फोन किया और चिंटू की जर्सी सौराष्ट्र के उसके साथी को देने को कहा. हम समय पर पहुंच गए. उसने उस मुकाबले में 100 रन बनाए. जब लोग उसकी वापसी की क्षमता को सराहते हैं तो मुझे कोई अचंभा नहीं होता.'
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