ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम (Australia Cricket Team) भारत के खिलाफ इंदौर टेस्ट में रिवर्स स्वीप से दूरी बना सकती है. ऐसा रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) के होलकर स्टेडियम में टेस्ट मैचों में शानदार रिकॉर्ड को देखते हुए किया जा सकता है. मेहमान टीम ने दिल्ली में खेले गए दूसरे टेस्ट में इस शॉट का काफी इस्तेमाल किया था लेकिन यह जोखिमभरा रहा और टीम तीन दिन के अंदर ही हार गई. इससे पहले नागपुर में भी ऑस्ट्रेलिया तीन दिन के अंदर नतमस्तक हो गया था. इससे भारत ने चार मैच की सीरीज में 2-0 की बढ़त बना ली और बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी (Border Gavaskar Trophy) पर कब्जा बरकरार रखा.
अश्विन ने इंदौर के मैदान पर दो टेस्ट मैच में 12.5 रन प्रति विकेट के प्रभावशाली औसत से 18 विकेट लिए हैं. दिल्ली में अपनी दूसरी पारी में घुटने टेकने के एक हफ्ते बाद ऑस्ट्रेलिया की टीम निर्धारित समय से पहले ही नेट सत्र के लिए पहुंच गई. फिरोज शाह कोटला में भारतीय स्पिनरों के खिलाफ रणनीति के लिए टीम को आलोचना का सामना करना पड़ा जहां धीमी और नीची रहती गेंद के खिलाफ आधे बल्लेबाज स्वीप शॉट खेलने के प्रयास में आउट हुए. बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी दोबारा जीतने का मौका गंवाने के बाद ऑस्ट्रेलिया की टीम अपने तीन घंटे से अधिक के प्रशिक्षण सत्र में अपनी गलतियों से सीखने के लिए उत्सुक नजर आई.
स्वीप के बजाए ऑस्ट्रेलिया ने किस शॉट पर दिया जोर
गेंद को स्वीप करने के बजाय स्टीव स्मिथ और उनकी टीम ने मुख्य रूप से स्पिनरों के खिलाफ आगे बढ़कर शॉट खेलने के अलावा फ्रंट फुट डिफेंस का प्रयास किया. स्मिथ और उस्मान ख्वाजा नेट पर सबसे पहले आए और नाथन लायन व मैथ्यू कुह्नमैन के खिलाफ एक घंटे से अधिक समय तक बल्लेबाजी की. ऑस्ट्रेलियाई टीम में स्पिन के खिलाफ सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक स्मिथ का प्रदर्शन अभी तक निराशाजनक रहा है और वह 1 मार्च से शुरू हो रहे मैच में इसमें सुधार करना चाहेंगे.
स्वेपसन टीम से जुड़े
सभी बल्लेबाजों के अभ्यास करने के बाद स्मिथ और ख्वाजा दोबारा नेट पर लौटे. ख्वाजा के अलावा स्वीप का अभ्यास करने वाले अन्य बल्लेबाज एलेक्स कैरी थे जो एक ही तरह का शॉट खेलते हुए चार बार आउट हो चुके हैं. मार्नस लाबुशेन, ट्रेविस हेड और पीटर हैंड्सकॉम्ब ने ऑफ स्पिनर टॉड मर्फी और लेग स्पिनर मिचेल स्वेपसन का सामना किया जो अपने बच्चे के जन्म के बाद टीम के साथ फिर से जुड़ गए हैं. हैंड्सकॉम्ब अब तक दौरे पर स्पिनरों के खिलाफ सबसे सहज दिखे हैं. दिल्ली में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों के बीच सबसे अधिक आक्रामक बल्लेबाजी करने वाले हेड ने स्वेपसन के खिलाफ स्लॉग स्वीप खेले.
कमिंस की जगह कौन स्टार्क या ग्रीन?
अंगुली में चोट के कारण पहले दो टेस्ट से बाहर रहे बाएं हाथ के तेज गेंदबाज मिशेल स्टार्क तीसरे टेस्ट के लिए प्लेइंग इलेवन में पैट कमिंस की जगह लेंगे जो ऑस्ट्रेलिया में अपनी बीमार मां के साथ हैं. स्टार्क ने कहा कि वह अभी पूरी तरह फिट नहीं हैं लेकिन उन्होंने कैमरन ग्रीन को करीब एक घंटे तक गेंदबाजी की और अच्छी गति हासिल की. लांस मॉरिस ने उनके साथ गेंदबाजी की और ग्रीन को कई मौकों पर अपनी गति और मूवमेंट से छकाया. बाद में गेंदबाजी करने वाले ग्रीन अंगुली की चोट के कारण पहले दो टेस्ट से बाहर रहने के बाद सीरीज में अपना पहला टेस्ट खेलने की तैयारी कर रहे हैं. कमिंस और डेविड वार्नर के बाहर होने के बाद ग्रीन और स्टार्क उनकी जगह लेने के लिए स्वाभाविक विकल्प हैं.
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