कानपुर टेस्ट हारने के बाद बांग्लादेशी कप्तान का छलका दर्द, इन खिलाड़ियों पर फोड़ा हार का ठीकरा, कहा- ऐसे हालात में तो हमें...

कानपुर टेस्ट हारने के बाद बांग्लादेशी कप्तान का छलका दर्द, इन खिलाड़ियों पर फोड़ा हार का ठीकरा, कहा- ऐसे हालात में तो हमें...

Highlights:

बांग्लादेश के कप्तान नजमुल हुसैन शांतो भारत के खिलाफ सीरीज में एक फिफ्टी लगा सके.

बांग्लादेश दो टेस्ट में दो बार 150 रन का आंकड़ा पार करने में भी नाकाम रही

बांग्लादेश क्रिकेट टीम भारत के खिलाफ दूसरा टेस्ट भी हार गई. कानपुर में खेले गए मुकाबले में उसे सात विकेट से हार मिली. इस मैच में दो दिन का खेल तो बारिश के चलते नहीं हो सका था लेकिन भारतीय टीम ने निडरता और साहस से भरा खेल दिखाते हुए चौथे दिन मैच को नतीजे की तरफ मोड़ दिया. बांग्लादेश के कप्तान नजमुल हुसैन शांतो सीरीज में क्लीन स्वीप से काफी निराश हुए. उन्होंने कानपुर में हार के बाद कहा कि दोनों ही टेस्ट में उनकी टीम ने खराब बैटिंग की. पहले टेस्ट में मेहमान टीम 149 रन पर सिमट गई जिससे वह मैच में पीछे हो गई. दूसरे टेस्ट में अच्छे खेल के बाद उसने दोनों पारियों में ही लगातार विकेट गंवाए.

शांतो भी इस सीरीज के दौरान केवल एक बार अर्धशतक लगा सके. इसके अलावा तीन पारियों में वे नाकाम रहे. उन्होंने चेन्नई टेस्ट में आर अश्विन और रवींद्र जडेजा की बैटिंग का उदाहरण देते हुए अपने बल्लेबाजों से सीखने को कहा. शांतो ने कानपुर टेस्ट के बाद कहा, 'दोनों ही टेस्ट में हमने अच्छी बैटिंग नहीं की. ऐसे हालात में तो हमें बल्लेबाजी में अच्छा करने की जरूरत थी. अगर आप हमारे बल्लेबाजों को देखेंगे तो हमने 30-40 गेंद खेली और आउट हो गए. टेस्ट क्रिकेट में यह जरूरी हो जाता है कि जब बल्लेबाज क्रीज पर उतरता है तो उसे बड़े रन बनाने पर ध्यान देना चाहिए. जिस तरह से (रविचंद्रन) अश्विन और जड्डू (रवींद्र जडेजा) ने उस समय काफी बढ़िया अंदाज में बैटिंग की.'

शांतो बोले- अश्विन-जडेजा की साझेदारी ने मैच छीना

 

अश्विन और जडेजा ने पहले टेस्ट की पहली पारी में शानदार बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया को मुश्किल से उबारा था. दोनों ने शतकीय साझेदारी की थी. शांतो ने कहा कि उनकी टीम की बॉलिंग को इस तरह के मौके आने पर विकेट निकालने चाहिए. उस साझेदारी ने उनकी टीम से मैच छीन लिया. बांग्लादेशी कप्तान ने हालांकि कानपुर टेस्ट से कुछ सबक सीखे और कहा कि मोमिनुल हक और मेहदी हसन मिराज ने जिस तरह का खेल दिखाया उससे टीम को मदद मिलेगी. मोमिनुल ने पहली पारी में शतक लगाया था. वहीं मिराज ने कानपुर टेस्ट की पहली पारी में चार विकेट लेने के बाद दूसरी पारी में भी दो शिकार किए थे.