महेन्द्र प्रताप सिंह..., वो शख्स जिसने गौतम गंभीर की गिल्ली उड़ा दी थी, मगर आज वो उनकी ही सुरक्षा में तैनात है. कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम के कॉर्नर में खड़े महेन्द्र ने खुद सालों से दबे इस राज से पर्दा उठाया. महेन्द्र यूपी पुलिस में इंस्पेक्टर हैं और इस वक्त कानपुर में भारत और बांग्लादेश के बीच खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच में ऑफिशियल ड्यूटी पर हैं. इत्तेकाफ से गंभीर अब भारतीय टीम के हेड कोच हैं और टीम जब से कानपुर पहुंची है, तब से हमीरपुर में क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर महेन्द्र उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.
इस दौरान महेंद्र ने बताया कि साल 2006 में उन्होंने गौतम गंभीर और जोगिन्दर शर्मा का विकेट लिया है. स्पोर्ट्स स्टार के अनुसार बात अप्रैल 2006 की है. लेफ्ट आर्म स्पिनर महेन्द्र शीश महल कप में उत्तर प्रदेश पुलिस टीम का हिस्सा थे. उन्होंने सहारा इंडिया टीम के खिलाफ गंभीर और जोगिन्दर का विकेट लिया था. उन्होंने उस मैच में कुल चार विकेट लिए थे. महेन्द्र ने उस पल का याद करते हुए कहा-
मैच के बाद गंभीर मेरे पास आए थे और तारीफ की थी. उन्होंने मुझे खेल को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया, लेकिन जिंदगी के अपने कुछ अलग ही प्लान थे.
उन्होंने कहा-
लेकिन मुझे गंभीर से मिलना का कोई मौका नहीं मिला. मुझे यकीन है कि उन्हें मैं याद भी नहीं होऊंगा, मगर शीश महल कप में उनका विकेट हमेशा मेरे लिए बेशकीमती रहेगा
प्रयागराज के रहने वाले महेन्द्र प्रताप सिंह तीन सीजन उत्तर प्रदेश की रणजी ट्रॉफी की संभावित टीम में थे, मगर वो एक बार भी स्क्वॉड में जगह नहीं बना पाए. उन्होंने कहा-
मैं 2005-06, 2006-07, 2009-11 में संभावितों में था. यूपी का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा और उस चरण के दौरान काफी हद तक इनकंसिस्टेंट रहा, लेकिन मुझे मौका नहीं दिया गया.
महेन्द्र कैंप के दौरान सुरेश रैना और आरपी सिंह के साथ भी ट्रेनिंग कर चुके हैं. शीश महल कप के उस मैच को याद करते हुए महेन्द्र ने बताया कि उन्होंने गंभीर और जोगिन्दर के अलावा शुभमॉय दास और लक्ष्मी रत्म शुक्ला का भी विकेट लिया था. उन्होंने कहा-
गंभीर बड़ी पार्टनरशिप कर रहे थे और मुझे सफलता मिल गई. लेकिन फिर, उस मैच में एक कैच छूट गया और इसी वजह से मैं फाइफर नहीं ले पाया. उस समय मुझे दुख हुआ, लेकिन अब मैं इस बात से खुश हूं कि मैंने भारत के कुछ स्टार क्रिकेटरों को आउट किया.
हालांकि महेन्द्र अपने बिजी जॉब के कारण नियमित रूप से मैच नहीं देख पाते हैं, लेकिन उन्हें जब भी मौका मिलता है, वो इसे देखने की कोशिश करते हैं.