ऋषभ पंत ने भारत-बांग्लादेश के बीच चेन्नई टेस्ट से क्रिकेट के सबसे बड़े फॉर्मेट में वापसी की. उन्होंने इसमें शतक लगाया और भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई. ऋषभ पंत ने चेन्नई टेस्ट की समाप्ति के बाद बताया कि उनके शतक में कप्तान रोहित शर्मा की चेतावनी ने भी बड़ा काम किया. उन्होंने तीसरे दिन के खेल में लंच के दौरान साफ कर दिया था कि एक घंटे की बैटिंग करनी है. इसके बाद पारी घोषित की जाएगी. पंत ने बताया कि यह सुनकर उन्होंने सोचा कि जल्दी से रन बना लिए. इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने 109 रन की पारी खेली जिसमें 13 चौके व चार छक्के शामिल रहे. उनके पहले 50 रन 88 गेंद में आए थे लेकिन अगले 50 केवल 42 गेंद में पूरे कर लिए.
पंत ने ब्रॉडकास्टर जियो सिनेमा से बात करते हुए शतक के बारे में कहा, 'जब लंच पर गए थे तब पारी घोषित करने की बात हो रही थी. रोहित भाई ने बोला कि एक घंटा खेलने को देखेंगे भाई. अपना जिसको जितने बनाने हैं देख लो. तो मेरे दिमाग में आया कि थोड़ा जल्दी बना लेता हूं क्या पता 150 बन जाए.'
चेन्नई टेस्ट में खेलते हुए नर्वस थे ऋषभ पंत
पंत ने बताया कि इस टेस्ट में आने से पहले दलीप ट्रॉफी में खेलने का फायदा मिला. वहां पर पूरे दिन विकेटकीपिंग की थी जिससे तैयारी में मदद मिली. उससे पता चला कि शरीर कितना बोझ उठा सकता है. वनडे और टी20 अलग है. लेकिन जब पूरे दिन कीपिंग होती है तो उसका शरीर पर अलग असर पड़ता है. फिटनेस पर काम किया है तो अच्छा लग रहा है.
अश्विन-जडेजा में से किसे कीपिंग करना मुश्किल?
पंत से जब पूछा गया कि रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा में से किसके सामने कीपिंग करना सबसे मुश्किल होता है तो इस खिलाड़ी ने जवाब दिया कि दोनों के सामने ही मुश्कित होता है. किसी एक का नाम लेना सही नहीं होगा. ऋषभ ने साथ ही कहा कि वे दो साल बाद टेस्ट खेल रहे थे. ऐसे में जब वे मैदान में उतरे तो नर्वस थे. लेकिन जैसे-जैसे खेलते गए तो फिर नर्वसनेस हट गई.
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