विराट कोहली और केएल राहुल की मदद से भारत ने ऑस्ट्रेलिया को सेमीफाइननल में चार विकेट से हराकर चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में एंट्री कर ली है. ऑस्ट्रेलिया के दिए 265 रन के जवाब में कोहली ने 84 रन बनाए. जबकि केएल राहुल ने नॉटआउट 42 रन बनाए. राहुल चाहते थे कि कोहली आखिर तक टिके रहे, मगर जम्पा ने ऐसा होने नहीं दिया और 42.4 ओवर में उनका शिकार कर लिया . कोहली के पवेलियन लौटने से पहले राहुल ने उनसे बातचीत की थी. कोहली एड्म जम्पा का शिकार बने. वह खास योजना के साथ क्रीज पर आए थे और उसी के हिसाब से भी खेल रहे थे, मगर वह अपनी योजना पर तब तक ही रहे, जब तक जम्पा की गेंद पर हवा में शॉट नहीं लगाया.
उनके साथी बल्लेबाज केएल राहुल भी उनके इस शॉट से निराश थे. उन्होंने कहा भी था कि 'मैं मार रहा था न यार' जिसका मतलब था कि कोहली को उस शॉट की कोई जरूरत नहीं थी. इसके बाद भारत को जीत दिलाने की जिम्मेदारी केएल राहुल पर आई और उनके बल्ले से विनिंग सिक्स भी निकला. मैच के बाद उन्होंने कोहली के साथ अपनी बातचीत का खुलासा किया जब उन्होंने 10-12 गेंदों का सामना किया और पिच का आकलन किया. उन्होंने कहा-
जब मैं अंदर गया और 10-12 गेंदें खेलीं तो मैंने उनसे कहा कि आप ही ऐसे बल्लेबाज हो जिसे आखिर तक खेलना चाहिए और मुझे कोशिश करने दो और हिट करने दो या मुझे एक ओवर में एक मौका लेने दो, क्योंकि जैसा कि आपने कहा कि हमें केवल 6 रन और उससे अधिक की जरूरत थी, लेकिन उस विकेट पर 6 रन और उससे अधिक 8-8.5 की तरह लग रहे थे. इसलिए आपको एक मौका और ओवर लेना था, एक बाउंड्री या एक छक्का.
मैंने उनसे कहा कि मैं ऐसा करुंगा और आप स्ट्राइक रोटेट क्यों नहीं करते और वही रहो, क्योंकि आप सेट बल्लेबाज हो और यह कठिन हो सकता है. अगर आप आउट हो जाते हो तो दूसरा सेट बल्लेबाज आता है तो यह और भी कठिन हो जाता है, लेकिन हां उन्हें लगा कि हिट करना उसकी रेंज में था और हां उन्होंने इसे सही समय पर नहीं खेला.
कोहली अपने प्रदर्शन से खुश थे, मगर उन्होंने भी स्वीकार किया कि जब उन्होंने लेग स्पिनर जम्पा के खिलाफ हवाई शॉट खेलने का फैसला किया तो राहुल के साथ उनकी योजना थोड़ी अलग हो गई. उन्होंने कहा भी था कि जब वह आउट हुए तो उनकी योजना 20 रन और बनाने की थी और कोशिश थी कि कुछ ओवर में ही मैच खत्म करने की योजना थी.
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