केरल ने रणजी ट्रॉफी के फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया है. 74 साल में पहली बार केरल की टीम इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची. अब फाइनल में उसका सामना विदर्भ से होगा, जिसने दूसरे सेमीफाइनल में 42 बार की चैंपियन मुंबई को 80 रन से हराया. केरल ने 1951-52 में पहली बार इस टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था.
केरल ने गुजरात के खिलाफ पहली पारी में दो रन की बढ़त हासिल करके फाइनल में जगह बनाई. अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में सेमीफाइनल के 5वें दिन केरल ने गुजरात की पहली पारी को 455 रन पर समेटकर दो रन की बढ़त हासिल कर ली थी और इस बढ़त के कारण ही सेमीफाइनल ड्रॉ होने के बावजूद केरल की टीम सेमीफाइनल में पहुंच गई. केरल का ये 352वां रणजी मैच था और अब जाकर वो फाइनल में पहुंचने में सफल रही.
मोहम्मद अजहरुद्दीन रहे केरल के स्टार
इस मुकाबले में केरल ने पहले बैटिंग करते हुए मोहम्मद अजहरुद्दीन के नाबाद शतक की बदौलत 457 रन बनाए. मोहम्मद अज़हरुद्दीन ने 341 गेंदों में 177 रन बनाए. उनके अलावा कप्तान सचिन बेबी ने 69 रन बनाए. जबकि सलमान निजार ने 52 रन बनाए. जवाब में उतरी गुजरात की टीम को केरल के गेंदबाजों ने पहली पारी में बढ़त लेने का मौका नहीं दिया और 455 रन पर गुजरात को समेट दिया. गुजरात के लिए सबसे ज्यादा 148 रन ओपनर प्रियांक पंचाल ने बनाए. उनके अलावा जयमीत पटेल ने 79 रन, आर्य देसाई ने 73 रन रन बनाए.
केरल के जलज सक्सेना और आदित्य सरवटे दोनों ने चार चार विकेट लिए और सेमीफाइनल के आखिरी दिन गुजरात को समेट दिया. गुजरात की टीम बढ़त लेने से चूक गई. गुजरात के ऑलआउट होते ही केरल का फाइनल में पहुंचना लगभग तय हो गया था. इसके बावजूद केरल की टीम दूसरी पारी में बैटिंग करने मैदान पर आई चार विकेट पर 114 रन बनाए और ड्रॉ पर राजी हो गई.
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