केएल राहुल ने टीम इंडिया के चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद खुलासा करते हुए कहा कि दबाव में ही वह क्रिकेट खेलते हुए बड़े हैं.उन्होंने बताया कि फाइनल के दौरान वह खुद बहुत घबराए हुए थे, मगर वो खुद को भरोसा दिला रहे थे. नयूजीलैंड ने भारत को 252 रन का टार्गेट दिया था, जिसके जवाब में टीम इंडिया ने एक समय 203 रन पर अपने पांच विकेट गंवा दिए थे. टार्गेट काफी दूर नहीं था, मगर टीम पर विकेट के लिहाज से दबाव बनने लग गया था.
इसके बाद एक छोर पर केएल राहुल टिक गए. हालांकि हार्दिक पंड्या उनका ज्यादा साथ नहीं निभा पाए और भारत ने 241 रन के स्कोर पर पंड्या के रूप में बड़ा विकेट गंवा दिया. जीत भले ही काफी करीब थी, मगर एक और विकेट टीम इंडिया के लिए परेशानी खड़ी कर सकता था. ऐसे में राहुल आखिर तक क्रीज पर जमे रहे और भारत को जीत दिलाकर ही लौटे. भारत ने छह विकेट के नुकसान पर टार्गेट हासिल किया. राहुल 34 रन पर नॉटआउट रहे. जीत के बाद राहुल ने कहा-
मुझे नहीं लगता कि मैं कैमरे पर यह कह सकता हूं, लेकिन मैं आखिर में घबराया हुआ था.हमारे पास कुछ बल्लेबाज बाकी थे, इसलिए मुझे पूरा भरोसा था कि हम जीत हासिल कर सकते हैं. इस तरह के मौकों और बड़े मैचों में आपके संयम को बनाए रखना सबसे जरूरी होता है,जिसके बारे में हम सभी जानते हैं.यह आसान नहीं है, लेकिन मैं यह जीतकर खुश हूं और इस बार जीत हासिल करके खुश हूं.मुझे लगता है कि मैंने पांच में से तीन मैचों में ऐसे मौकों पर बल्लेबाजी की है और एक मैच,जिसमें मुझे बल्लेबाजी करने का मौका ही नहीं मिला, वह पाकिस्तान के खिलाफ था.
केएल राहुल ने आगे कहा कि-
हमें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है.हमने सबसे बल्ला थामा है और जब से हमने प्रोफेशनल क्रिकेटर बनने का फैसला किया है, तब से हमनें दबाव का सामना किया है.बीसीसीआई ने किस तरह से हर खिलाड़ी, हर प्रतिभाशाली खिलाड़ी को तैयार किया है.वे हमें अपनी स्किल्स का प्रदर्शन करने और खुद को दबाव में रखने और खुद को चुनौती देने और बेहतर होने के लिए मौका और प्लेटफॉर्म दे रहे हैं.
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