पाकिस्तान की टीम चैंपिंयस ट्रॉफी 2025 से बाहर हो गई है. मोहम्मद रिजवान की टीम को पहले न्यूजीलैंड और फिर भारत ने धूल चटाकर टूर्नामेंट से बाहर कर दिया. पाकिस्तान इस टूर्नामेंट का मेजबान है, मगर मेजबान टीम का सफर जल्दी खत्म हो गया.भारत ने पिछले मैच में छह विकेट से हराकर मेजबान को बड़ा झटका दिया. भारत के हाथों हार के बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड पर बड़ी आफत टूट सकती है. बोर्ड बर्बादी की कगार पर पहुंच सकता है. पाकिस्तान टीम, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) और देश की मार्केटिंग इकॉनमी की कार्यप्रणाली के जानकार लोगों को डर है कि घरेलू मैदान पर आईसीसी 2025 चैंपियंस ट्रॉफी में टीम के खराब प्रदर्शन के बाद टीम ब्रांड वैल्यू और स्पॉन्सर्स को खोना शुरू कर सकती है.
पाकिस्तान को टूर्नामेंट के ओपनिंग मैच में न्यूजीलैंड के हाथों 60 रन से हार का सामना करना पड़ा और फिर रविवार को भारत से छह विकेट से हरा दिया. दर्शकों की दिलचस्पी के लिहाज से टूर्नामेंट अब तक काफी सफल रहा है, मगर पाकिस्तान के टूर्नामेंट से बाहर होने के बाद अब मेजबान को मुसीबत में लाकर खड़ा किया है. पीटीआई ने पीसीबी के एक सूत्र के हवाले से कहा-
लोगों की रिस्पॉन्स और पाकिस्तान के इतर मैच को एंजॉय करना एक शानदार अनुभव था.लेकिन अब चुनौती यह सुनिश्चित करने की है कि पाकिस्तान में बाकी के बचे मैचों के लिए दर्शक आते रहे, क्योंकि हम 29 साल बाद इतने बड़े आयोजन की मेजबानी कर रहे हैं.
सोर्स ने आगे कहा-
हमें मेजबानी फीस, टिकट बिक्री समेत आईसीसी रेवेन्यू में हमारा हिस्सा मिलने की गारंटी है, लेकिन लोगों का इस बड़े आयोजन में दिलचस्पी खत्म होना, ब्रॉडकास्टर का आधे भरे स्टेडियम दिखाना जैसे बाकी कई मुद्दे भी हैं और सबसे बड़ी चिंता यह है कि यहां क्रिकेट को लेकर दीवानगी के बावजूद भविष्य में पाकिस्तान क्रिकेट को एक ब्रांड के रूप में बेचना आसान नहीं होगा.
रिपोर्ट में मार्केटिंग विज्ञापन पेशेवर ताहिर रजा का भी हवाला दिया गया है, जिनका मानना है कि पीसीबी की सबसे बड़ी चुनौती फैंस को टीम से जोड़े रखना है. ताहिर ने कहा-
यह कहना आसान है कि पाकिस्तान में क्रिकेट खुद बिकता है, लेकिन ऐसा नहीं है,क्योंकि फैंस, स्पॉनसर, विज्ञापनदाताओं, ब्रॉडकास्टर की दिलचस्पी और लगाव सभी प्रदर्शन से जुड़े होते हैं.अगर टीम चैंपियंस ट्रॉफी जैसे हाई-प्रोफाइल इवेंट में अच्छा प्रदर्शन नहीं करती है तो स्पॉन्सर म्यूजिक, मनोरंजन, अन्य खेल जैसे अन्य सार्वजनिक हित वाले क्षेत्रों में अपना पैसा लगाने में संकोच नहीं करेगा.
ताहिर का मानना है कि पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) के अगले एडिशन में दिखेगा कि चैंपियंस ट्रॉफी में टीम के खराब प्रदर्शन का मुद्रा बाजार पर कितना गलत प्रभाव पड़ा.
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