वेटलिफ्टर अचिंत शिउली ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारत को छठा मेडल दिलाया है. उन्होंने पुरुषों की 73 किलो कैटेगरी में गोल्ड मेडल हासिल किया. अचिंत शिउली ने 313 किलो वजन उठाया और गेम्स रिकॉर्ड बनाया. यह इन खेलों में तीसरा गोल्ड और कुल छठा मेडल है. भारत को अभी तक सभी मेडल वेटलिफ्टिंग में ही मिले हैं. उनसे पहले मीराबाई चानू, जेरेमी लालरिनुंगा ने गोल्ड जीते हैं जबकि संकेत सरगर और बिंदियारानी ने सिल्वर हासिल किया. गुरुराजा पुजारी को कांस्य मिला था.
अचिंत शिउली ने स्नैच राउंड में 137, 140 और 143 किलो वजन उठाया. इसके बाद वे टॉप पर पहुंच गए थे. क्लीन एंड जर्क राउंड में उन्होंने 166 किलो वजन के साथ शुरुआत की. दूसरी कोशिश में उन्होंने 170 किलो वजन उठाना चाहा लेकिन चूक गए मगर तीसरे प्रयास में उन्होंने ऐसा कर दिया. उन्हें मलेशिया के मोहम्मद हिदायत ने चुनौती देने की कोशिश की लेकिन वे दो कोशिशों के बाद भी 176 किलो वजन नहीं उठा पाए. उन्हें 303 किलो वजन के साथ सिल्वर मेडल मिला. कनाडा के डार्सिग्नी शाड ने 298 किलो वजन उठाकर कांस्य हासिल किया.
जूनियर चैंपियनशिप में जीता सिल्वर
उन्होंने 2021 में जूनियर वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशि में सिल्वर मेडल जीता था. साथ ही वे दो बार के कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप के गोल्ड मेडलिस्ट हैं. चिंत ने साल 2011 में अपने भाई को देखकर वेटलिफ्टिंग शुरू की थी. साल 2015 में वे आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट से जुड़ गए थे और वहां पर ट्रेनिंग शुरू की. इसी साल वे नेशनल कैंप का हिस्सा बने.
20 साल के अचिंत बंगाल के हावड़ा जिले से आते हैं. वे काफी सामान्य परिवार से आते है. उनके पिता मजदूरी किया करते थे. बाद में उनका निधन हो गया. ऐसे में अचिंत और उऩके छोटे भाई मिलकर टेलरिंग का काम करते थे ताकि घर का खर्चा चलाया जा सके. देश के लिए मेडल जीतने के बाद भी उन्हें पर्याप्त आर्थिक मदद नहीं मिली. इस वजह से साल 2020 में उन्होंने बंगाल के बजाए किसी दूसरे स्टेट से खेलने के बारे में सोचा था.