Akash Deep Indian Team: भारतीय क्रिकेट टीम में इंग्लैंड के खिलाफ आखिरी तीन मैचों के लिए तेज गेंदबाज आकाश दीप को शामिल किया गया. वे पहली बार टेस्ट के लिए चुने गए हैं. बंगाल के लिए घरेलू क्रिकेट खेलने वाले आकाश दीप भारत की वनडे और टी20 टीम में चुने जा चुके हैं लेकिन अभी तक डेब्यू नहीं कर पाए हैं. उन्होंने हालिया समय में फर्स्ट क्लास क्रिकेट में कमाल का खेल दिखाया. लेकिन आकाश दीप का क्रिकेट में आना ही बहुत मुश्किल काम था. लंबी मशक्कत और कई तरह की तकलीफ के बाद वे पहचान बना सके.
आकाश दीप बिहार के सासाराम के रहने वाले हैं. जब वे करियर शुरू कर रहे थे तब बिहार क्रिकेट सस्पेंड था और वहां खेलों के लिए कोई माहौल भी नहीं था. उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, ‘बिहार में तब (भारतीय क्रिकेट बोर्ड से निलंबित होने के कारण) क्रिकेट के लिए कोई उचित मंच नहीं था. सासाराम में जहां का मैं रहने वाला हूं, वहां क्रिकेट खेलना अपराध माना जाता था. कितने ही माता-पिता अपने बच्चों से कहते थे कि आकाश से दूर रहो. वह पढ़ाई नहीं करता और उसकी संगत में रहकर बिगड़ जाओगे. लेकिन मैं उन्हें दोष नहीं देता. हमारी जैसी जगह पर क्रिकेट खेलकर आप क्या हासिल करेंगे? आप समय खराब करेंगे और क्रिकेटर भी नहीं बन पाएंगे. इससे पढ़ाई भी बिगड़ जाएगी. भविष्य खराब हो जाएगा. उन्हें इसकी चिंता रहती थी. मेरे माता-पिता भी ऐसे ही थे. ’
आकाश ने पिता के कहने पर दी सरकारी नौकरियों की परीक्षाएं
आकाश के पिता उन्हें सरकारी नौकरी के लिए परीक्षाओं में भाग लेने के लिए कहते थे. उन्होंने कहा, ‘मेरे पिताजी मुझे बिहार पुलिस कांस्टेबल या राज्य सरकार में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी की परीक्षा देने के लिए कहते थे. वह उन सरकारी नौकरी के आवेदन पत्र भरते थे और मैं परीक्षा देने जाता था और खाली फॉर्म जमा करके वापस आ जाता था.'
आकाश ने 6 महीने में पिता और भाई को खोया
लेकिन आकाश के लिए अचानक से सब कुछ बदल गया. 6 महीने के अंदर उन्होंने पिता और बड़े भाई को खो दिया, जिससे सारे परिवार की जिम्मेदारी उनके ऊपर आ गई. उन्होंने कहा, ‘मेरे पापा और भैया का 6 महीने में देहांत हो गया. मेरे पास अब खोने के लिए कुछ नहीं था. यही प्रेरणा थी कि मुझे कुछ करना है क्योंकि परिवार की जिम्मेदारी लेनी है.’
एक दोस्त की मदद से उन्हें पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में एक क्लब की तरफ से खेलने का मौका मिला लेकिन उनकी कमाई टेनिस बॉल क्रिकेट खेलने से होती थी. आकाशदीप ने कहा, ‘मैं अपने क्लब की तरफ से लेदर बॉल की क्रिकेट खेलता था लेकिन शुरू में उससे कमाई नहीं होती थी इसलिए मैं महीने के तीन या चार दिन टेनिस बॉल क्रिकेट खेलता था जिससे मुझे प्रतिदिन 6000 रुपए मिल जाते थे. इस तरह से महीने में मैं 20000 रुपए कमा लेता था.’
बिना कोचिंग के अंडर 23 टीम में शामिल
आकाश को जब बंगाल अंडर 23 टीम में चुना गया तब तक उनका कोई कोच नहीं था. वह खुद की तैयारी से ही वहां तक पहुंचे थे. अब भारतीय टीम में सेलेक्शन होने पर वे कहते हैं कि उन्हें जगह मिलने की उम्मीद थी लेकिन यह नहीं सोचा था कि इतनी जल्दी बुलावा आ जाएगा. उनके नाम 29 फर्स्ट क्लास मैचों में 103 विकेट हैं. हाल ही में इंग्लैंड लॉयंस के खिलाफ दो मैच में उन्होंने 11 शिकार किए थे.
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