भारत के अनुभवी तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने खुलासा किया कि जब वह चोट से जूझ रहे थे तब रिहैब के दौरान उन्हें डर लग रहा था. लेकिन टीम इंडिया में वापसी के लक्ष्य ने उन्हें इस डर से निकालने में मदद की. मोहम्मद शमी वर्ल्ड कप 2023 के बाद से चोट की वजह से भारतीय टीम से बाहर चल रहे थे. इसके बाद उन्हें टखने की सर्जरी करानी पड़ी. अब 14 महीने बाद वे फिर से भारतीय टीम में खेलने के लिए तैयार हैं. भारत और इंग्लैंड के बीच कोलकाता में होने वाले टी20 मुकाबले के जरिए उनकी वापसी होगी.
मोहम्मद शमी ने चोट, रिहैब और वापसी को लेकर बीसीसीआई से बात की. इसमें उन्होंने बताया, 'मैंने पूरे साल इंतजार किया और पूरी तरह से फिट होने के लिए बहुत मेहनत की. दौड़ने के दौरान फिर से चोटिल होने का डर लग रहा था. किसी भी खिलाड़ी के लिए पूरी लय में आने के बाद चोटिल होना, रिहैब के लिए एनसीए जाने और वापसी करना बहुत मुश्किल होता है. शमी को अब इंग्लैंड के खिलाफ टी20 सीरीज के साथ ही वनडे सीरीज और चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भी चुना गया है.'
मोहम्मद शमी बोले- चोट बनाती है मजबूत
शमी ने टीम इंडिया में वापसी से पहले घरेलू क्रिकेट में पसीना बहाया. बंगाल की ओर से वे रणजी ट्रॉफी, सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी में खेले. शमी ने कहा कि कोई भी खिलाड़ी चोट का सामना करने के बाद पहले से ज्यादा मजबूत हो जाता है. उन्होंने कहा, 'जब आप चोटिल हो जाते हैं तो मुझे लगता है कि एक खिलाड़ी के रूप में आप अधिक मजबूत बन जाते हैं क्योंकि मानसिक रूप से मजबूत रहने के लिए आपको कई चीजें दोहरानी पड़ती हैं.’
मोहम्मद शमी अब चोट से बढ़ गए आगे
शमी ने कहा कि अब वह नाकामी के दौर से आगे जा चुके हैं. उन्होंने बताया, ‘जो हो गया, हो गया. मैं उस (चोट के) दौर से आगे निकल चुका हूं. यदि आप कड़ी मेहनत करते हैं तो परिणाम मिलेंगे. मैं इसी में विश्वास करता हूं. यदि आप चोटिल हो जाते हैं तो आपको टीम में वापस आने के लिए मजबूत इच्छाशक्ति रखनी होगी. इसलिए लड़ो और आगे बढ़ो.’