रोहित शर्मा दूसरे वनडे मैच के दौरान बेहद धांसू अंदाज में नजर आए. रोहित ने 119 रनों की धमाकेदार पारी खेली और टीम इंडिया को 4 विकेट से जीत दिला दी. इस जीत के साथ टीम इंडिया ने सीरीज पर कब्जा जमा लिया. रोहित ने 32वां वनडे शतक ठोका और टीम इंडिया ने 33 गेंद शेष रहते ही 305 रन का लक्ष्य हासिल कर लिया.
मेरी और गंभीर की बात सुनने पर खिलाड़ियों को फायदा होगा
रोहित ने मैच के बाद कहा कि,यदि आप मिडिल ओवरों में मैच कंट्रोल कर लेते हैं तो इससे आपको अंतिम ओवरों में चिंता करने की जरूरत नहीं पड़ती. दोनों मैचों में, यहां तक कि नागपुर में भी, हमने मिडिल ओवरों में अच्छा प्रदर्शन किया और यहां भी हमने मिडिल ओवरों में अच्छा प्रदर्शन किया. जब आप मिडिल ओवरों में विकेट लेते हैं तो आप विपक्षी टीम को रोक सकते हैं. हम एक टीम के रूप में बेहतर होते रहना चाहते हैं. मैंने पिछले मैच के बाद भी कहा था कि हम एक टीम और खिलाड़ी के रूप में बेहतर होना चाहते हैं. जब खिलाड़ियों को यह पता होता है कि उन्हें क्या करना है और कप्तान और कोच क्या कह रहे हैं, यदि वे उसे लागू करते हैं, तो फिर उन्हें ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है.
रोहित ने अंत में कहा कि, यह अच्छा था, वहां पर खेलकर और टीम के लिए कुछ रन बनाकर मुझे बहुत आनंद आया. जरूरी मैच था क्योंकि सीरीज दांव पर थी. मैंने इसे टुकड़ों में तोड़ दिया जैसा मैं मारना चाहता था. यह फॉर्मेट टी-20 क्रिकेट से लम्बा और टेस्ट क्रिकेट से बहुत छोटा है. फिर भी, आपको स्थिति का आकलन करके उसके अनुसार बल्लेबाजी करनी होगी. मैं अपना ध्यान केंद्रित रखना चाहता था और जितना संभव हो सके उतनी गहराई तक बल्लेबाजी करना चाहता था. जब आप काली मिट्टी पर खेलते हैं तो पिच पर थोड़ा फिसलन होती है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आप बल्ले का पूरा फेस दिखाएं. इसके बाद वे शरीर पर गेंद डालने की कोशिश कर रहे थे और जगह नहीं दे रहे थे, इसलिए मैंने भी अपनी योजना तैयार कर ली. मैंने गैप का फायदा उठाया और जाहिर तौर पर मुझे गिल और फिर श्रेयस से अच्छा सहयोग मिला. हम एक दूसरे के साथ बल्लेबाजी का आनंद लेते हैं, गिल बहुत ही अच्छे खिलाड़ी हैं. मैंने उन्हें बहुत करीब से देखा है और वे किसी भी स्थिति से घबराते नहीं हैं.
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