भारत के महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर का कहना है कि इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टी20 मैच के दौरान शिवम दुबे को सिर पर कोई चोट नहीं लगी थी और कन्कशन सब्सटीट्यूट देने का फैसला ही गलत था. दरअसल भारत और इंग्लैंड के बीच पुणे में सीरीज का चौथा टी20 मैच खेला गया था. इस दौरान भारत की पारी के आखिरी ओवर की 5वीं गेंद पर दुबे के हेलमेट पर गेंद लगी और फिर अगली गेंद पर वह आउट हो गए. इंग्लैंड की पारी में उनके कन्कशन सब्सटीट्यूट के रूप में हर्षित राणा को मैदान पर उतारा गया. जिसे लेकर विवाद छिड़ गया.
इंग्लैंड के कप्तान जॉस बटलर ने भी इस रिप्लेसमेंट पर सवाल खड़े किए थे. उनका कहना था कि यह रिप्लेसमेंट जैसा नहीं लगा, क्योंकि दुबे ऑलराउंडर हैं और राणा तेज गेंदबाज. दुबे ने पुणे में फिफ्टी लगाई थी और उनके कन्कशन सब्सटीट्यूट राणा ने 33 रन पर तीन विकेट लेकर भारत की जीत की कहानी लिखी. अब इस विवाद पर सुनील गावस्कर ने भी बड़ा बयान दिया है. Telegraph में लिखे अपने कॉलम में गावस्कर ने हेड कोच गौतम गंभीर और कप्तान सूर्यकुमार यादव को भी खूब सुनाया. उन्होंने अपने कॉलम में लिखा-
पुणे के मैच में हेलमेट पर गेंद लगने के बाद भी दुबे ने आखिर तक बल्लेबाजी की.इसलिए साफतौर पर उन्हें चोट नहीं लगी थी.इसलिए चोट के कारण सब्सटीट्यूट की अनुमति देना ही सही नहीं था.हां अगर बल्लेबाजी करते समय उनकी मांसपेशियों में खिंचाव होता तो रिप्लेसमेंट हो सकता था, मगर वह सिर्फ फील्डिंग के लिए होता और वह गेंदबाजी नहीं कर सकते थे.
उन्होंने आगे कहा-
यहां तक कि अगर हम समानता के लिए सबसे सही शब्द का इस्तेमाल करें तो भी दुबे और राणा के बीच ऐसा कुछ नहीं था.हम यह कह सकते हैं कि दोनों में कद की समानता है और फील्डिंग में उनका स्तर एक जैसा है. वरना उनके बीच कुछ भी समानता नहीं है.इंग्लैंड के पास हार मानने का हर कारण है. यह भारतीय टीम एक शानदार टीम है और उन्हें अपनी जीत को ऐसे हरकत से कलंकित होने की जरूरत नहीं है.
भारत ने दुबे और राणा के कमाल के प्रदर्शन के दम पर पुणे में 15 रन से मुकाबला जीता. इसके बाद मुंबई में सीरीज का आखिरी मैच 150 रन से जीतकर 4-1 से सीरीज पर कब्जा जमा लिया.
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