टीम इंडिया के कप्तान सूर्यकुमार यादव ने इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टी20 मैच में जीत के बाद ये माना कि एक ओवर में तीन विकेट खोना बहुत बड़ी बात है. इंग्लैंड के पेसर साकिब महमूद उस वक्त टीम इंडिया पर कहर बनकर टूटे जब उन्होंने एक ही ओवर के भीतर संजू सैमसन, तिलक वर्मा और सूर्यकुमार यादव को पवेलियन भेज दिया. हालांकि इस दौरान उन्होंने हार्दिक पंड्या और शिवम दुबे की कमाल की बल्लेबाजी के लिए उनकी जमकर तारीफ की.भारतीय टीम का स्कोर एक समय 12 रन पर 3 विकेट हो चुका था. लेकिन फिर अभिषेक शर्मा और रिंकू सिंह ने मिडिल ऑर्डर में कमाल की बल्लेबाजी की और टीम के स्कोर को 79 रन तक पहुंचा दिया. हालांकि तब तक आधी टीम आउट हो चुकी थी.
इसके बाद हार्दिक पंड्या और शिवम दुबे ने पारी संभाली और दोनों के बीच 87 रन की साझेदारी हुई. दोनों ने 53-53 रन की पारी खेली. पंड्या ने 30 गेंदों पर और दुबे ने 34 गेंदों पर. इस तरह टीम इंडिया ने 20 ओवरों में 9 विकेट गंवा कुल 181 रन बनाए. अंत में इंग्लैंड की टीम 166 रन पर ढेर हो गई और भारत ने 15 रन से मुकाबला जीत लिया.
सूर्य ने की पंड्या- दुबे की तारीफ
सूर्य ने मैच के बाद कहा कि, हर खिलाड़ी ने कमाल का खेल दिखाया. शुरुआत से लेकर अंत तक फैंस हमारे साथ रहे. हम पीछे नहीं जाना चाहते थे. लड़कों को पता है कि हमें किस तरह का क्रिकेट खेलना है. एक ओवर में तीन विकेट गिरना काफी ज्यादा होता है. लेकिन हम पॉजिटिव थे. और फिर मिडिल में दुबे और पंड्या ने कमाल कर दिया. हम इसी के बारे में बात कर रहे थे कि क्रीज पर जाना है और खुद को साबित करना है. नेट्स में भी हम यही करते हैं. इसी तरह का अभ्यास करते हैं.
बता दें कि ये भारत की घर पर ये 17वीं जीत थी. ये आसान नहीं था क्योंकि इंग्लैंड ने लक्ष्य का पीछा करने के दौरान बिना विकेट गंवाए 62 रन बना लिए थे. हालांकि बाद में हर्षित राणा कन्कशन सब्स्टीट्यूट के तौर पर आए और कमाल कर दिया. इस गेंदबाज ने 4 ओवरों में कुल 33 रन दिए और 3 विकेट लिए.
मैच के बाद हर्षित राणा ने कहा कि, जब दुबे वापस आए तब चेज में दो ओवर बीत चुके थे. मुझे इसके बाद गौतम गंभीर ने कहा कि मैं कन्कशन सब्स्टीट्यूट के तौर पर मैदान पर जाऊंगा. मैं इसके लिए काफी पहले से तैयारी कर रहा था. सिर्फ यही सीरीज नहीं, मैं पहले से भी लगा हुआ था. मैं अपने डेब्यू के इंतजार में और खुद को साबित करना चाहता था. ऐसे में जब मुझे मौका मिला तो मैंने कुछ नहीं सोचा और कमाल दिखाना शुरू कर दिया. केकेआर में रहते हुए मैंने डेथ ओवरों में काफी गेंदबाजी की है. ऐसे में मुझे इसका अनुभव है.
ये भी पढे़ं: