रोहित शर्मा (Rohit Sharma) की अगुआई वाली भारतीय टीम इस समय साउथ अफ्रीका दौरे पर है. दोनों के बीच दो टेस्ट मैचों की सीरीज खेली जा रही है. सेंचुरियन में खेला गया सीरीज का पहला मुकाबला भारत ने तीन दिन में ही पारी और 32 रन से गंवा दिया था. इसी के साथ साउथ अफ्रीका ने अपना 30 साल का रिकॉर्ड भी बरकरार रखा. भारतीय टीम आज तक साउथ अफ्रीका में टेस्ट सीरीज नहीं जीती है. साउथ अफ्रीकी की जीत के असली हीरो डीन एल्गर थे, जिन्होंने 185 रन की शानदार पारी खेली थी.
सेंचुरियन टेस्ट में डेविड बेडिंघम (David Bedingham) में इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था और अपने डेब्यू मैच में ही उन्होंने धूम मचा दी थी. डेविड ने 87 गेंदों पर 56 रन ठोके थे. इस पारी के बाद से वो चर्चा में हैं. डेविड ने टेस्ट के लिए टी20 क्रिकेट को भी ठोकर मार दी है, जिस वजह से हर तरफ उनकी काफी चर्चा हो रही है. इन दिनों जहां दुनियाभर में टी20 लीग ने धूम मचा रखी है. प्लेयर्स टी20 क्रिकेट पर फोकस करने के लिए टेस्ट और वनडे तक छोड़ रहे हैं, ऐसे समय में डेविड ने टी20 क्रिकेट को छोड़ा और वो भी टेस्ट के लिए.
सात अनकैप्ड प्लेयर्स
दरअसल बीते दिनों साउथ अफ्रीका ने न्यूजीलैंड के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए स्क्वॉड का ऐलान किया, जो फरवरी में खेली जाएगी. स्क्वॉड में 7 अनकैप्ड प्लेयर्स को शामिल किया गया. इस दौरे के लिए साउथ अफ्रीका ने ऐसा स्क्वॉड चुना, जिन्हें टेस्ट का या तो बहुत कम अनुभव है या फिर बिल्कुल भी नहीं है. डेविड को भी इस दौरे के लिए चुना गया. साउथ अफ्रीका ने ऐसा फैसला इसलिए लिया, क्योंकि बोर्ड चाहता था कि स्टार खिलाड़ी SA20 लीग खेले.
SA20 से अपना नाम लिया
डेविड ने न्यूजीलैंड दौरे पर जाने के लिए टी20 क्रिकेट को ठोकर मारी. उन्होंने SA20 से अपना नाम वापस ले लिया था, ताकि वो न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट खेल सकें. साउथ अफ्रीका के साल 2024 के पहले ट्रेनिंग सेशन से पहले डेविड ने कहा कि टेस्ट कोच शुकरी कोनराड ने उन्हें बताया कि उनके चुने जाने की संभावना है. जैसे ही डेविड को पता चला कि SA20 से कोई नहीं खेल सकता तो उन्हें लगा कि उनके खेलने की संभावना काफी ज्यादा है.
लीग बोनस की तरह
डेविड ने दूसरा विचार भी नहीं किया और कोच से कहा कि वो सीधे ड्राफ्ट से अपना नाम हटा लेंगे. ताकि वो खेल सके. जहां साउथ अफ्रीका के ज्यादातर बड़े प्लेयर्स फ्रेंचाइजी लीग खेलने की तैयारी कर रहे हैं तो वहीं डेविड ने उस दौरान टी20 की बजाय टेस्ट खेलने का फैसला लिया. उनका कहना है कि उन्हें टेस्ट क्रिकेट काफी पसंद है और उन्हें टेस्ट देखना भी पसंद है. वो लीग्स को हमेशा बोनस की तरह देखते हैं. उनकी हमेशा प्राथमिकता टेस्ट ही रहती है.