ऑस्ट्रेलिया के तूफानी बल्लेबाज ग्लेन मैक्सवेल (Glenn Maxwell World Cup Fastest Century) ने नीदरलैंड्स के गेंदबाजों की धज्जियां उड़ा डाली. मैक्सवेल अंत के समय बल्लेबाजी करने आए और महज 40 गेंदों में ही आठ चौके और आठ छक्के से वर्ल्ड कप इतिहास का सबसे तेज शतक जड़कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बना डाला. इससे पहले ये रिकॉर्ड साउथ अफ्रीका के एडन मार्करम के नाम था. जिन्होंने 49 गेंदों पर इसी वर्ल्ड कप में श्रीलंका के खिलाफ दिल्ली के मैदान में ही ये कारनामा किया था. लेकिन मैक्सवेल अब इसे तोड़कर सबसे आगे आ गए हैं.
मैक्सवेल का तूफानी शतक
दरअसल, दिल्ली के मैदान में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहेल बैटिंग करने का फैसला किया. इसके जवाब में पारी के 39वें ओवर में जैसे ही मैक्सवेल बल्लेबाजी करने आए. उसके बाद उन्होंने ताबड़तोड़ शॉट्स लगाना शुरू कर डाले. मैक्सवेल ने इस दौरान कई रिवर्स शॉट पर छक्के भी जड़े. जिससे उनकी बैटिंग देखते ही बन रही थी. लेकिन पारी के 49वें ओवर में उन्होंने चौके और छक्के की बरसात करके सेंचुरी पूरी कर डाली. मैक्सवेल ने बास डी लीड की पहली दो गेंदों पर चौका, उसके बाद अगली तीन गेंदों पर लगातार तीन छक्के जड़कर शतक पूरा कर डाला. इस तरह लीड के एक ओवर से 28 रन आए और मैक्सवेल ने 40 गेंदों में वर्ल्ड कप इतिहास का सबसे तेज शतक ठोक डाला. हालांकि शतक जड़ने के बाद पारी के अंतिम ओवर में मैक्सवेल तीसरी गेंद पर कैच आउट हो गए और 44 गेंदों में 9 चौके व 8 छक्के से 104 रन बनाकर चलते बने.
ऑस्ट्रेलिया ने बनाए 399 रन
वहीं मैच की बात करें तो नीदरलैंड्स के खिलाफ डेविड वॉर्नर ने जहां पहले 93 गेंदों में 11 चौके और तीन छक्के से 104 रनों की पारी खेली. उसके बाद मैक्सवेल की धमाकेदार 44 गेंदों पर 104 रनों की पारी से ऑस्ट्रेलिया ने 50 ओवरों में 9 विकेट पर 399 रनों का विशाल स्कोर बना डाला. जिससे नीदरलैंड्स को अब 400 रनों के लक्ष्य का पीछा करना होगा.
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