Exclusive: दिन में मिस्ट्री स्पिनर, रात में दिहाड़ी अंपायर, रूट-मलान के डंडे उखाड़ मचाई हलचल, जानें कौन है धोनी के शहर का 20 साल का धुरंधर?

Exclusive: दिन में मिस्ट्री स्पिनर, रात में दिहाड़ी अंपायर, रूट-मलान के डंडे उखाड़ मचाई हलचल, जानें कौन है धोनी के शहर का 20 साल का धुरंधर?
रितेश केसरी

Highlights:

20 साल के युवा ऑफ ब्रेक स्पिनर रितेश केसरी रांची के रहने वाले हैं.सनथ जयसूर्या ने लेजेंड्स लीग क्रिकेट में उन्हें देखा और श्रीलंकाई टीम के साथ नेट्स में रखने की सिफारिश की.

जब भी कोई नन्हा होनहार खिलाड़ी गेंद थामता है या बल्ला भांजना शुरू करता है, उस समय उसका लक्ष्य अपने देश की जर्सी पहनकर मैदान मारना होता है. इसी सपने को संजोकर भारत के तमाम हिस्सों से कई युवा क्रिकेटर बनने निकल पड़ते हैं. जिससे देश को कपिल देव, सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर, महेंद्र सिंह धोनी और वर्तमान टीम इंडिया में शामिल रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे योद्धा मिले. इन सभी ने भारतीय क्रिकेट की विरासत को बखूबी संभाला. कुछ इसी तरह के सपने को संजोकर महेंद्र सिंह धोनी के शहर रांची से निकलकर एक और युवा खिलाड़ी दिल्ली में है और वर्ल्ड कप 2023 में पर्दे के पीछे उसकी काफी चर्चा है. उसने दिल्ली के अरुण जेटली मैदान में बतौर नेट गेंदबाज न सिर्फ श्रीलंका और अफगानिस्तान का दिल जीता बल्कि इंग्लैंड के जो रूट और डेविड मलान तक के तो स्टंप्स बिखेर दिए.

 

स्पोर्ट्स तक से ख़ास बातचीत में उसने बताया कि कैसे वह रांची से यहां तक पहुंचा, जहां दिन में क्रिकेट तो रात में गुरुग्राम के मैदानों में अंपायरिंग करके अपना गुजर-बसर सिर्फ इसलिए कर रहा है कि उसे भी एक दिन तिरंगे से सजी टीम इंडिया की जर्सी पहनकर खेलने का मौका मिलेगा.

 

कौन है रितेश केसरी? 


20 साल के युवा ऑफ ब्रेक स्पिनर रितेश केसरी रांची के रहने वाले हैं. उनके पिता रतन केसरी रांची में ही सब्जी बेचने का काम करते हैं. रितेश को शुरू से ही क्रिकेट से काफी लगाव था. रितेश ने स्पोर्ट्स तक को बताया कि रांची में ट्रायल के दौरान उसका सबसे पहले चयन उत्तराखंड में मौजूद मदन लाल की एमिनिटी क्रिकेट एकेडमी में हुआ. जहां से रितेश ने अपनी कला को निखारा और इसके साथ-साथ पढ़ाई करते हुए 12वीं कक्षा की परीक्षा पास की. मदन लाल क्रिकेट अकादमी से जब स्कॉलरशिप समाप्त हुई तब रितेश ने रांची जाने की बजाए दिल्ली का रुख किया. जहां से वह इंग्लैंड के नेट्स सेशन तक पहुंच गए.

 

सनथ जयसूर्या ने बदल दी रितेश की कहानी

 

रितेश ने बताया कि देहरादून में उन्होंने लेजेंड्स क्रिकेट लीग और रोड सेफ्टी सीरीज के दौरान श्रीलंकाई दिग्गज सनथ जयसूर्या व तिलकरत्ने दिलशान जैसे बल्लेबाजों को अपनी मिस्ट्री स्पिन गेंदबाजी से काफी परेशान किया. जयसूर्या उस समय रितेश से इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने कहा था कि जब भी श्रीलंका की टीम भारत आएगी. तब तुम्हे बतौर नेट गेंदबाज बुलाएंगे. साल 2023 में जयसूर्या ने भारतीय युवा से किया अपना वादा निभाया. दिल्ली के मैदान में जब वर्ल्ड कप 2023 का पहला मैच श्रीलंका और साउथ अफ्रीका के बीच खेला जाना था. उससे पहले जयसूर्या ने अपनी टीम के लॉजिस्टिक्स मैनेजर धवल प्रणय से कहकर रितेश को लाने को कहा. चूंकि धवल पहले से ही रितेश को जानते थे तो वे इस गेंदबाज को श्रीलंकाई टीम की मदद के लिए दिल्ली के मैदान में लेकर आ गए.

 

रितेश की गेंदबाजी के बाद सनथ जयसूर्या इस युवा खिलाड़ी को श्रीलंका टीम के साथ पूरे वर्ल्ड कप 2023 के लिए टीम से जोड़ना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने आईसीसी को पत्र लिखा मगर ऐसा नहीं हो सका. हालांकि जयसूर्या के कहने पर रितेश को दिल्ली के अरुण जेटली मैदान में बाकी टीमों के साथ नेट्स में जलवा दिखाने का मौका मिल गया.

 

भारत का 'इकबाल'   


श्रीलंका के बाद जब अफगानिस्तान की टीम दिल्ली पहुंची तो उनकी टीम में पहले से ही शामिल करामाती स्पिनर राशिद खान और मुजीब उर रहमान भी रितेश से काफी प्रभावित हुए. रितेश ने बताया, 'मुजीब भाई ने मुझसे कहा कि तुम बिल्कुल इकबाल की तरह हो. जैसे वह इकबाल फिल्म में सिक्का रखकर गेंद को वहीं पर टिप्पा देता था. ठीक उसी तरह तुम भी कर रहे हैं. तुम्हारा बेहतर भविष्य है.'

 

इंग्लिश बल्लेबाजों के उड़ाए डंडे 


श्रीलंका और अफगानिस्तान के बाद जब साल 2019 की वर्ल्ड चैंपियन इंग्लैंड दिल्ली में आई तब फिर से रितेश ने अपनी मिस्ट्री गेंदबाजी का जादू बिखेरा. उन्होंने हर एक इंग्लिश खिलाड़ी को हैरान किया. रितेश ने बताया, 'इंग्लैंड के साथ नेट्स सेशन शानदार रहा. मैंने कैरम बॉल पर जहां डेविल मलान को बोल्ड किया वहीं इसके बाद जो रूट को भी आउट किया. यह मेरे लिए किसी सपने से कम नहीं रहा. इसके बाद हैरी ब्रूक को भी मैंने करीब एक घंटे तक अभ्यास कराया. मेरी गेंदबाजी से इंग्लैंड के गेंदबाजी कोच भी काफी प्रभावित हुए.'

 

400 रुपये के लिए रात में करते हैं अंपायरिंग  


रितेश इन दिनों गुरुग्राम में एक पीजी में रहते हैं. जहां से वह मनविंदर सिंह बिस्ला की क्रिकेट अकादमी में सीखने जाते हैं. बिस्ला की अकादमी में रितेश फ्री स्कॉलरशिप के तहत अपने क्रिकेट सफर की शुरुआत को बेहतरीन अंजाम तक ले जाने की कोशिश कर रहे हैं. गुजारा करने के लिए वह गुरुग्राम में  दिन में क्रिकेट खेलते हैं तो रात में बॉल पार्क ग्राउंड में प्रति मैच 400 रुपये के हिसाब से सप्ताह में चार दिन अंपायरिंग और स्कोरिंग का काम करते हैं. देखना दिलचस्प रहेगा कि रितेश के सपनों की उड़ान को कैसी दिशा मिलती है?

 

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