बाबर आजम (Babar Azam) ने दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम यानी अहमदाबाद के नरेन्द्र मोदी स्टेडियम में पाकिस्तान की लुटिया डुबो दी. भारत और पाकिस्तान (India vs Pakistan) की टीम वर्ल्ड कप के 12वें मैच में आमने-सामने थी. मुकाबला शुरू होने से पहले ये कांटे की टक्कर लग रही थी, मगर जब मुकाबला शुरू हुआ, तो पूरी पाकिस्तानी टीम ने भारत के सामने घुटने टेक दिए. भारत ने इस वर्ल्ड कप में पाकिस्तान को पहली हार का स्वाद भी चखा दिया. साथ ही वर्ल्ड कप के इतिहास में पाकिस्तान पर 8वीं बार जीत भी हासिल कर ली. एक लाख से भी ज्यादा लोगों से भरे स्टेडियम में कप्तान बाबर आजम ने कैसे पाकिस्तान की टीम को हार तक पहुंचा दिया, इसकी कहानी सिर्फ 2 शब्दों की है और वो 2 शब्द हैं रोहित शर्मा (Rohit Sharma).
रोहित और बाबर दोनों अपनी- अपनी टीम की अगुआई कर रहे थे. दोनों यहां 2-2 मैच जीत कर उतरे थे. इसके बावजूद बाबर जीत के लिए वो नहीं कर पाए, जो रोहित ने किया और इसी वजह से उनकी टीम को लाखों लोगों के सामने शर्मसार होना पड़ा.
भारत ने टॉस जीतकर पाकिस्तान को बल्लेबाजी के लिए बुलाया था. अब्दुला शफीफ और इमाम उल हक के रूप में पाकिस्तान को 73 रन पर 2 झटके लग गए. बाबर तो शफीक के आउट होते ही क्रीज पर आ गए थे. उन्होंने फिफ्टी भी लगाई, इसके बावजूद उनके 50 रन काम नहीं आए. फिफ्टी रोहित के बल्ले से भी निकली और उनकी फिफ्टी ने पूरा मैच ही भारत की झोली में डाल दिया.
आक्रामक एप्रोच की कमी
दरअसल जब पाकिस्तान को आक्रामक एप्रोच की जरूरत थी, जब बाबर को आगे बढ़कर आक्रामक खेल दिखाना चाहिए था और बाकी के बल्लेबाजों में जोश भरना चाहिए था. उस समय बाबर ने काफी धीमी बल्लेबाजी थी. उन्होंने 58 गेंदों में 50 रन बनाए. इस दौरान उन्होंने 7 चौके लगाए, मगर छक्का एक भी नहीं लगा पाए. उनकी स्ट्राइक रेट 86.20 की थी. उनकी धीमी बल्लेबाजी का दबाव बाकी के बल्लेबाजों पर आ गया. बाकी के बल्लेबाज तेज खेलने की कोशिश में आउट होते गए और पूरी टीम 191 रन पर सिमट गई. बाबर समेत 4 बल्लेबाज बोल्ड हुए. बात रोहित की करें तो टीम इंडिया की शुरुआत तो पाकिस्तान से भी खराब हुई थी.
पाकिस्तान ने तो 41 रन पर अपना पहला विकेट गंवाया था, मगर भारत ने अपना पहला विकेट तो शुभमन गिल के रूप में महज 23 रन पर ही गंवा दिया. इसके बावजूद रोहित ने पॉजिटिव सोच के साथ टीम की अगुआई की और आक्रामक एप्रोच रखा. उन्होंने 136.50 की स्ट्राइक रेट से 63 गेंदों पर 86 रन बनाए. रोहित ने अपनी पारी में 6 चौके और 6 छक्के लगाए. रोहित ने अपनी आक्रामक पारी के दम पर टीम पर से दबाव हटा दिया. वो जब पवेलियन लौटे, तब तक भारत ने 3 विकेट पर 156 रन बना लिए थे और टीम इंडिया को जीत के काफी करीब पहुंचा दिया था. कप्तान की आक्रामक एप्रोच का असर श्रेयस अय्यर पर भी दिखा, जिन्होंने खुलकर बल्लेबाजी की और टीम को जीत दिलाई. बाबर अगर रोहित की तरह पॉजिटिव सोच के साथ बल्लेबाजी करते तो शायद वो टीम इंडिया के सामने एक चुनौतीपूर्ण स्कोर रखने में सफल हो पाते, मगर उनके काफी डिफेंसिव खेल ने पाकिस्तानी टीम को ही डुबो दिया.
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