श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच खेले गए विवादित मैच में श्रीलंका ने अंत में 3 विकेट से जीत हासिल कर ली. लेकिन मैच खत्म होने के बाद शाकिब अल हसन और एंजेलो मैथ्यूज दोनों ने बड़ा बयान दिया. मैथ्यूज ने जहां सम्मान न करने की बात कही वहीं शाकिब ने जोर देकर कहा कि खेल भावना को देखते हुए आईसीसी को अपना नियम बदल देना चाहिए. मैथ्यूज को टाइम्ड आउट का शिकार हुए और बिना गेंद खेले पवेलियन लौट गए. ऐसे में वो दुनिया के पहले ऐसे क्रिकेटर बने जिनके साथ ऐसा हुआ.
शाकिब ने आईसीसी को दिया दोष
पोस्ट मैच प्रेस कॉन्फ्रेंस में शाकिब से जब मैथ्यूज के टाइम्ड आउट और खेल भावना को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, आईसीसी को अपना नियम बदल देना चाहिए फिर. आईसीसी को इस मामले में को देखना चाहिए और नियमों को बदल देना चाहिए. शाकिब ने आगे कहा कि, मेरे साथ ऐसी चीजें नहीं होती क्योंकि मैं काफी सतर्क रहता हूं.
शाकिब ने कहा कि, मुझे मैदान पर एक फील्डर ने इस बात की जानकारी दी और कहा कि, हम टाइम्ड आउट नियम का इस्तेमाल कर सकते हैं. ऐसे में मैथ्यूज ने जब शाकिब को कहा कि, आप इस अपील को वापस ले लें तो उन्होंने इसे मना कर दिया. शाकिब ने बताया कि, मेरा फील्डर मेरे पास आया और कहा कि, अगर आप अपील करोगे तो वो आउट हो जाएगा क्योंकि उसने सही समय के भीतर गार्ड नहीं लिया है. ऐसे में मैंने अपील की और अंपायर ने मेरी बात मान ली. अंपायर ने मुझसे पूछा कि क्या तुम उसे वापस बुलाओगे तो मैंने इसपर उन्हें मा कर दिया. हम दोनों ने एक दूसरे संग अंडर 19 वर्ल्ड कप खेला है और हम दूसरे को लंबे समय से जानते हैं. साल 2006 से हम दोनों की पहचान है लेकिन नियम ही ऐसा है तो क्या करें.
बता दें कि, श्रीलंका की पारी के 25वें ओवर में शाकिब ने सादीरा समरविक्रमा को आउट कर दिया. इसके बाद एंजेलो मैथ्यूज मैदान पर आए. वे बैटिंग के लिए तैयार हो रहे थे, तभी उनके हेलमेट का स्ट्रैप टूट गया. उन्होंने दूसरा हेलमेट मंगाया. ड्रेसिंग रूम से नया हेलमेट आया तब तक 2 मिनट का समय निकल चुका था. ऐसे में बांग्लादेश के कप्तान शाकिब अल हसन ने अंपायर से मैथ्यूज को आउट देने की अपील की. यहां मैथ्यूज को आउट करार दे दिया गया. मैथ्यूज ने इसके बाद अंपायरों से काफी बहस की लेकिन अंत में उन्हें मैदान से बाहर जाना पड़ा.
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