अमेरिका में पहली बार टी20 वर्ल्ड कप का आयोजन हो रहा है. टीम इंडिया, पाकिस्तान समेत कई बड़ी टीमें इस वक्त अमेरिका में है. इस वर्ल्ड कप में न्यूयॉर्क के नसाऊ काउंटी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम अपनी पिचों को लेकर काफी चर्चा में है. जहां भारत ने आयरलैंड के खिलाफ अपना ओपनिंग मैच खेला. न्यूयॉर्क में कई टीमों ने अपने मुकाबले खेले और हर मैच के बाद न्यूयॉर्क की पिच पर चर्चा हुई. न्यूयॉर्क की पिचों को लेकर बवाल मचा हुआ है. इसे जानलेवा बताया जा रहा है.
असमान उछाल से प्लेयर्स चोटिल हो रहे हैं. इस पिच पर खेले गए शुरुआती दो मैचों में कोई भी 100 का स्कोर पार नहीं कर पाई. जिस वजह से ड्रॉप इन पिच पर सभी का ध्यान आ गया है. आईसीसी ने भी स्वीकार किया किया कि ये टी20 क्रिकेट के लिए आइडियल नहीं है. भारतीय कप्तान रोहित शर्मा भी इन पिचों को लेकर आईसीसी को खूब सुना चुके हैं. भारत- पाकिस्तान मैच से पहले उनका कहना था कि इस पिच को लेकर तो क्यूरेटर भी कंफ्यूज है. हर कोई इन पिचों पर सवाल उठा रहा है. ऐसे में सवाल उठता है कि ICC ने न्यूयॉर्क में ये पिचें बनाने का फैसला क्यों किया? किस वजह से असमान उछाल मिल रही है?
क्या है ड्रॉप-इन पिच ?
ड्रॉप-इन पिच नॉर्मल 22 गज क्रिकेट स्ट्रिप की तरह ही होती है, लेकिन इसे पारंपरिक तरीके से मैदान पर ना बनाकर स्टील ट्रे में रखकर तैयार किया जाता है. इसे अनुकूल परिस्थितियों में तैयार किया जाता है. ये मैदान के बाहर या टर्फ फार्म पर हो सकता है और इसमें मिट्टी और घास की परतें होती हैं, जिन्हें कुछ समय के लिए एक साथ बिछाया जाता है. एक बार जब इसे मेन जगह पर ड्रॉप इन कर दिया जाता है तो पिच को पारंपरिक पिच की तरह ही देखभाल की जरूरत है. जिसमें रोलिंग, पानी और मैच से पहले घास की कटिंग शामिल है.
न्यूयॉर्क के लिए क्यों चुनी गईं ड्रॉप-इन पिच?
दरअसल सितंबर 2023 में ही आइजनहावर पार्क में स्थित नसाउ काउंटी स्थल को वर्ल्ड कप के लिए फाइनल किया गया. समय कम होने के कारण ICC ने ड्रॉप-इन पिचों पर निर्णय लिया. जिसके बाद पांच महीने में न्यूयॉर्क का स्टेडियम तैयार हो गया. मुख्य मैदान के लिए चार और मुख्य स्थल से कुछ दूरी पर कैंटियाग पार्क में अभ्यास के लिए छह समेत दस ड्रॉप-इन पिचों का इस्तेमाल किया गया.
पिचों को एडिलेड में एडिलेड टर्फ इंटरनेशनल ने तैयार की थीं, जो एडिलेड ओवल में ड्रॉप-इन पिचों की तैयारी की देखरेख भी करती है. इन पिचों को दिसंबर 2023 में फ्लोरिडा लाया गया, क्योंकि न्यूयॉर्क की तुलना में वहां धूप और गर्मी अधिक होती है. इसके बाद पिचों को अप्रैल के आखिर में न्यूयॉर्क लाया गया, जहां मई की शुरुआत में इन्हें फिक्स किया गया.
आइजनहावर पार्क में ड्रॉप-इन पिचों का नेचर
न्यूयॉर्क प्रोजेक्ट के लिए ड्रॉप इन पिचें बनाने वाले एडिलेड ओवल के मुख्य क्यूरेटर डेमियन हॉफ के अनुसार कि अच्छी पेस और उछाल के लिए आमतौर पर पट्टियों में उच्च मिट्टी की मात्रा की जरूरत होती है. इस मामले में मिट्टी के लिए हॉफ ने ब्लैकस्टिक नामक स्थानीय अमेरिकी किस्म की मिट्टी का इस्तेमाल किया, जिसमें एडिलेड ओवल के समान 60 प्रतिशत से अधिक मिट्टी की मात्रा [उच्च मानी जाती है] है. पिच और आउटफील्ड दोनों के लिए बरमूडा घास का इस्तेमाल किया गया, जिसका इस्तेमाल आमतौर पर क्रिकेट के मैदानों के लिए किया जाता है.
क्या आईसीसी ने की लापरवाही?
प्रोटोकॉल के अनुसार ICC को किसी भी आयोजन स्थल को इंटरनेशनल दर्जा देने से पहले सभी आयोजन स्थलों पर उचित जांच करने के लिए एक विशेषज्ञ टीम भेजता है. जबकि न्यूयॉर्क के आयोजन स्थल को इंटरनेशनल दर्जा मिलने की कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई थी और 15 मई को ICC ने वर्ल्ड कप के लिए स्टेडियम लॉन्च कर दिया.
शेड्यूल भी एक बड़ा मुद्दा
वर्ल्ड कप की मेजबानी अमेरिका और वेस्टइंडीज संयुक्त रूप से कर रहे हैं. अमेरिका में खेले जाने वाले 16 वर्ल्ड कप मैचों में से आठ मैच न्यूयॉर्क में खेले जाने हैं. जिसमें तीन से 12 जून के बीच दस दिनों में कई बड़े मैच लगातार खेले जाने हैं. जिसमें नौ जून को भारत-पाकिस्तान का मुकाबला भी शामिल है. ऐसे में ये हॉफ और उनकी टीम के लिए सबसे बड़ी चुनौती रही है, क्योंकि ये सिर्फ एक पिच नहीं है, बल्कि चारों स्ट्रिप्स वाला पूरा स्क्वायर है जिस पर हर समय ध्यान देने की जरूरत होती है.
घास असमान उछाल का कारण
क्रिकइंफो के अनुसार हॉफ ने पिच पर कुछ जगहों पर दरारों में घास उगती देखी थीं, जिसके बारे में उन्हें डाउट था कि ये असमान उछाल का कारण हो सकती है. ऐसी भी रिपोर्ट है कि कनाडा vs आयरलैंड मैच से पहले हफ ने उन क्षेत्रों को ऊपरी मिट्टी से ढक दिया था, जहां दरारों के नीचे घास उग रही थी, तथा सतह को अधिक समतल बनाने के लिए रोल किया गया था.
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