भारतीय टीम महिला टी20 वर्ल्ड कप 2024 में ग्रुप स्टेज से बाहर हो गई. हरमनप्रीत कौर की कप्तानी वाली टीम चार में से दो ही मुकाबले जीत सकी. आठ साल में पहली बार हुआ जब भारतीय महिला टीम ग्रुप स्टेज को पार नहीं कर पाई. इस नतीजे के बाद पूर्व कप्तान मिताली राज ने टीम की तैयारी, फील्डिंग और अप्रॉच को लेकर तीखे सवाल किए हैं. उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल में भारतीय टीम में कोई विकास नहीं हुआ. टीम यूएई के हालात के हिसाब से ढल ही नहीं सकी और इसकी उसे कीमत चुकानी पड़ी. बल्लेबाजी में किसी को अपनी भूमिका नहीं पता थी और फील्डिंग भी खराब रही.
मिताली ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुकाबले में भारतीय टीम ने वही गलती की जो पहली भी लगातार होती रही है. उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, 'अगर मैं ऑस्ट्रेलिया मैच की बात करूं तो यह मैच जीतना चाहिए था. मैच के दौरान मुझे लगा कि हमारे जीतने का मौका है लेकिन ऐसा लगा कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक जैसा रवैया अपना रहे हैं. मैच को आखिर तक ले जाना लेकिन फिर हार जाना. इसका नतीजा नहीं मिल रहा. मुझे लगता है कि पिछले दो, तीन साल में मैंने इस टीम में कोई प्रगति नहीं देखी. मुझे लगता है कि सबसे अच्छी टीम को हराने के लिए हमेशा तैयारी की जाती है लेकिन ऐसा लगता है कि हम बाकी टीमों को हराने पर ही ठहर जा रहे हैं और हम इसी में खुश हैं. बाकी सब टीमों ने सीमित संभावनाओं के बाद भी प्रगति की है. जैसे साउथ अफ्रीका. लेकिन हमने नहीं किया.'
मिताली ने तैयारी पर किए कड़े सवाल
मिताली ने टी20 वर्ल्ड कप 2024 से पहले टीम की तैयारी पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि एशिया कप के बाद उन्हें इसी टूर्नामेंट में खेलना था. ऐसे में 70 से 80 फीसदी प्लानिंग तब ही कर लेनी चाहिए थी. एशिया कप में बेंच स्ट्रेंथ को कमजोर टीमों के खिलाफ मौके देने चाहिए थे. पूर्व कप्तान ने कहा, 'हम ओपनर्स से उम्मीद करते हैं कि वे अच्छा प्रदर्शन करें. हम हमेशा शेफाली (वर्मा) से बड़े स्कोर की आशा करते हैं. लेकिन चीजें बदली हैं. अगर दोनों ओपनर अच्छा खेलेंगी तब हम हमेशा मिडिल ओवर्स में फंस जाते हैं. यही हमारी कहानी रही है. फिर आखिरी ओवर्स में रनों की कोशिश करते हैं. पावरप्ले और डेथ ओवर्स में हम अच्छा करते हैं लेकिन बीच के ओवर्स में ऐसा नहीं होता.'
मिताली ने आगे कहा, 'एशिया कप में मैं कमेंट्री कर रही थी लेकिन मुझे कुछ समझ ही नहीं आया. ऐसा लग रहा था कि वे केवल उसी टूर्नामेंट के लिए खेल रहे थे. ऐसा लगा ही नहीं कि वे वर्ल्ड कप को देख रहे थे. हम एशिया कप में निचली टीमों के खिलाफ बेंच को ज्यादा मौके दे सकते थे. पुरुष टीम अच्छा क्यों करती है. क्योंकि बड़ी सीरीज या टूर्नामेंट के बाद वे दूसरों को आजमाते हैं.'