भारतीय महिला ने अपना पहला वर्ल्ड कप जीत लिया. फाइनल में साउथ अफ्रीका को हराकर ऐतिहासिक जीत हासिल की. खिताबी मुकाबले में स्मृति मांधना, शेफाली वर्मा, दीप्ति शर्मा ने कमाल का प्रदर्शन किया. जबकि जेमिता रॉड्रिग्स, क्रांति गौड, श्री चाराणी, अमनजोत कौर पूरे टूर्नामेंट में छाई रही. भारत की इस ऐतिहासिक जीत में एक और खिलाड़ी का हाथ रहा, जिसने रनों की बारिश करके टीम को नॉकआउट तक पहुंचाया, मगर फिर भी वर्ल्ड कप मेडल हासिल नहीं कर पाई.
चोट पर क्या बोलीं प्रतिका?
अपनी चोट पर उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा दौर है जो हर खिलाड़ी के जीवन में आता है. जब आप मैदान पर होते हैं, जब आप अपना 100 फीसदी प्रदर्शन करते हैं तो चोट लगना आम बात है. इसलिए मैं इसे बहुत नकारात्मक रूप से नहीं लेती कि मैं चोटिल हो गई. उन्होंने आगे कहा कि मुझे लगता है कि यह अभी भी भगवान की योजना का हिस्सा है. इसलिए मैं बस जल्दी ठीक होने की उम्मीद कर रही हूं, ताकि खेल में वापस आ सकूं.
बैटिंग की आदत
वर्ल्ड कप के लिए अपनी तैयारी पर बात करते हुए प्रतिका ने कहा कि उन्हें बचपन से ही काफी बैटिंग करनी पड़ी. यह एक चीज, उनकी कोच दीप्ति ध्यानी ने सिखाई थी. उनका आगे कहना है कि लंबे समय तक बल्लेबाज़ी करो. अगर आप अभ्यास में लंबे समय तक बल्लेबाज़ी कर सकते हैं, तो निश्चित रूप से आप मैच में भी लंबे समय तक बल्लेबाज़ी कर पाएंगे. प्रतिका ने आगे कहा कि उनका काम पारी को आगे बढ़ाना, गहराई तक जाना है और बाद में उसे पूरा करना है.

