नीतीश रेड्डी जिन्होंने मजबूरी में शुरू किया क्रिकेट खेलना, पिता के आंसू देखे, पैसों की तंगी झेली, कोहली के साथ सेल्फी का सपना देखा, अब बने मेलबर्न के महाराज
नीतीश रेड्डी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मेलबर्न टेस्ट में जब शतक लगाया तो यह उनके और उनके पिता व परिवार के बरसों के संघर्ष का नतीजा था. इस खिलाड़ी के पिता मुत्याला रेड्डी ने बेटे को खिलाड़ी बनाने के लिए सरकारी नौकरी छोड़ दी थी.
नीतीश रेड्डी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मेलबर्न टेस्ट में जब शतक लगाया तो यह उनके और उनके पिता व परिवार के बरसों के संघर्ष का नतीजा था. इस खिलाड़ी के पिता मुत्याला रेड्डी ने बेटे को खिलाड़ी बनाने के लिए सरकारी नौकरी छोड़ दी थी. इसके बाद रिटायरमेंट फंड के पैसों के परिवार चलाया और नीतीश को क्रिकेटर बनाया.
नीतीश रेड्डी 12 साल के थे तब उनके पिता ने उनका सपना पूरा करने के लिए हिंदुस्तान जिंक से वीआरएस ले लिया था. उन्होंने उदयपुर छोड़ने का भी फैसला किया क्योंकि इस शहर में उनके बेटे को क्रिकेटर बनने के लिए सुविधाएं और कोचिंग नहीं थी. उन्होंने ‘कारोबार शुरू करने के लिए 20 लाख रुपये लगाए. लेकिन उनके जिन दोस्तों ने उनसे कर्ज लिया था उन्होंने उसे कभी वापस नहीं किया.
नीतीश रेड्डी के लिए क्रिकेटर बनना पसंद और मजबूरी दोनों थी. वह अपने माता-पिता के लिए कुछ करना चाहते थे, जिन्होंने अपने बेटे के भारत की तरफ से खेलने के सपने को पूरा करने के लिए काफी कड़ी मेहनत की. रेड्डी को इस साल जब भारतीय टीम में चुना गया था तो उन्होंने तब कहा था,‘मैं उन लोगों की आंखों में अपने पिता के लिए सम्मान देखना चाहता हूं जिन्होंने मेरी प्रतिभा पर विश्वास करने के लिए उनका मजाक उड़ाया था.’
नीतीश रेड्डी ने बताया कि शुरू में वह क्रिकेट को लेकर गंभीर नहीं थे. लेकिन एक दिन पिता को पैसों के लिए रोते देखा और उस दिन सब कुछ बदल गया. उन्होंने क्रिकेटर बनने के लिए खुद को पूरी तरह से झोंक दिया. आज वे ऑस्ट्रेलिया में भारत की ओर से टेस्ट शतक लगाने वाले तीसरे सबसे युवा खिलाड़ी हैं.
नीतीश रेड्डी को कुछ साल पहले बीसीसीआई ने सर्वश्रेष्ठ अंडर-16 क्रिकेटर चुना था. उस समारोह में पूरी भारतीय टीम मौजूद थी और तब यह 14 साल का यह खिलाड़ी विराट कोहली और उनकी पत्नी अनुष्का के साथ सेल्फी लेने के लिए बेताब था लेकिन ले नहीं सकी था. हालांकि उन्होंने दूर से फोटो ली थी. पर्थ में नवंबर 2024 में जब विराट कोहली ने 81वां शतक लगाया था तब नीतीश उनके साथ क्रीज पर थे.
नीतीश रेड्डी को 2023 में भारत की इमर्जिंग एशिया कप टीम में चुना गया लेकिन कुछ मैच खेलने के बाद उन्हें बाहर कर दिया गया. इससे उन्हें एहसास हुआ कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ने के लिए उन्हें कुछ अलग हटकर करने की जरूरत है. रेड्डी ने कहा, ‘मैंने नेट पर अधिक समय बिताना शुरू कर दिया और कुछ साइड आर्म विशेषज्ञों (थ्रोडाउन) की भी सेवाएं ली और एक महीने तक अभ्यास किया. इस साल आईपीएल में इस अभ्यास का काफी फायदा मिला और अब मैं लंबे छक्के लगा सकता था.’
रेड्डी को पर्थ में अपना पहला टेस्ट मैच खेलने का मौका मिला जहां उन्होंने दो शानदार पारियां खेल कर अपनी काबिलियत का शानदार नमूना पेश किया और इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा. वह अब भारत के ऑस्ट्रेलिया के वर्तमान दौरे की खोज बन गए हैं. नीतीश रेड्डी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच में करियर का पहला शतक पूरा करने के बाद ‘सालार’ शैली में इसका जश्न मनाया.